देश में जैसे जैसे व्हीकल्स की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे वैसे हादसों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इनमें से ज्यादा हादसे खराब ड्राइविंग के चलते होते हैं. नियमों का पालन जैसे सीट बेल्ट का न लगाना, रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना या फिर ओवर स्पीडिंग इन हादसों का कारण बनते हैं. आंकड़ाें को देखा जाए तो देश में करीब 15 करोड़ कारें मौजूद हैं. इतने वाहनों के साथ खराब ड्राइविंग हादसों की संख्या भी बढ़ाती जा रही है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार खराब ड्राइवरों के मामले में इंडिया चौथे नंबर पर है.
उबर ने अपना वार्षिक ट्रैवल इंडेक्स जारी किया है. इस रिपोर्ट को राइडिंग विद इंटरसिटी का नाम दिया गया है. इस वार्षिक ट्रैवल इंडेक्स रिपोर्ट को बनाने के लिए 50 से ज्यादा देशों में स्टडी की गई और एक लिस्ट तैयार की गई. इस स्टडी में ड्राइवरों के बिहेवियर को समझा गया और दुनिया के सबसे अच्छे व खराब ड्राइवरों के देशों को रैंकिंग दी गई.
इन बातों पर किया फोकस
ट्रैफिक अवेयरनैस.
ट्रैफिक संबंधी नियमों के पालन की चिंता.
ड्राइविंग स्किल्स.
सड़कों की स्थित.
स्पीड लिमिट.
ब्लड अलकोहल लिमिट.
भारत का चौथा स्थान
इस रिपोर्ट में इंडिया को खराब ड्राइवरों की रैंकिंग में चौथा स्थान मिला है. इस रैंकिंग का कारण हमारे देश में नियमों के पालन और एनफोर्समेंट का लचर रवैया होना बताया गया है. यहां पर न तो नियमों का पालन किया जाता है और न ही उन्हें मनवाने के लिए सख्ती की जाती है. थाईलैंड खराब यातायात और नियमों की अनदेखी के मामले में सबसे ऊपर है. वहीं खराब ड्राइविंग की लिस्ट में पेरू को दूसरा और लेबनान को तीसरा नंबर मिला है.
जापान सबसे बेहतर
सूची में जापान को सबसे बेहतर बताया गया है. जापान में ड्राइविंग नियमों का पालन सख्ती के साथ किया जाता है. इसके बाद नीदरलैंड, नॉर्वे, एस्टोनिया और स्वीडन को रखा गया है. वहीं सबसे खराब ड्राइविंग के मामले में थाईलैंड को पहले नंबर पर रखा गया है.