भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं. ट्रेन में सफर के लिए टिकट लेनी होती है लेकिन रेलवे की तमाम कोशिशों के बाद भी हर दिन हजारों लोग बगैर टिकट ही ट्रेन में यात्रा करते पकड़े जाते हैं. रेलवे अधिनियम के तहत इसके लिए तरह सजा और जुर्माने का प्रावधान है. लोग फिर भी लगातार बेटिकट यात्रा कर रहे हैं. हाल ही में मध्य रेलवे ने एक आंकड़ा जारी किया है जिसके अनुसार, मुबंई डिवीजन में अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक बेटिकट यात्रा करने वालों से 100 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है. यह रेलवे के किसी भी डिवीजन की तुलना में सबसे ज्यादा और एक नया रिकॉर्ड है.
रेलवे बिना टिकट यात्रा करने वालों पर रेलवे अधिनियम की धारा 138 के तहत जुर्माना लगाता है. रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आप ट्रेन में बगैर टिकट यात्रा करते पाए जाते हैं तो आपसे 2 तरीके से किराया वसूला जा सकता है. पहला कि यात्री ने जितनी दूर सफर किया उतना किराया या फिर ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से यात्री जहां पकड़ा गया वहां तक का किराया वसूला जाए और इसमें अतिरिक्त 250 रुपये और जोड़े जाएं. दूसरा तरीका कि ट्रेन का सामान्य किराया वसूला जाए. इन दोनों में से जो भी अधिक होगा वह यात्री से लिया जाएगा.
अन्य अपराधों के लिए जुर्माना
फर्जी तरीके सफर करने पर 6 महीने की जेल या 1000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है. बेवजह चेन पुलिंग करने पर 12 महीने की जेल या 1000 रुपये या फिर दोनों, दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में सफर करने पर 3 महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माना या फिर दोनों. ट्रेन की छत पर यात्रा करने पर 3 महीने की जेल या 500 रुपये जुर्माना या फिर दोनों. रेलवे की संपत्ति में अनाधिकृत प्रवेश पर 6 महीने की जेल, 1000 रुपये जुर्माना या दोनों. पहली बार गंदगी फैलाते पाए जाने पर 100 रुपये, उसके बाद 250 रुपये या 1 महीने की जेल. लोगों को जबरन कुछ सामान बेचते पाए जाने पर 3 साल तक की जेल या 10000 रुपये का जुर्माना या दोनों.