यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते टकराव के बीच G20 देशों के विदेश मंत्री 1 और 2 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बैठक करेंगे. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, फ्रांस की कैथरीन कोलोना, चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, जर्मनी की एनालेना बेयरबॉक और ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली सहित G20 के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे.
G20 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक सितंबर में होनेवाली G-20 शिखर सम्मेलन से पहले होने वाली सबसे बड़ी बैठक है. इस बैठक में श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे कई गैर-जी20 देशों के विदेश मंत्री भी भारत के निमंत्रण पर बतौर अतिथि शामिल होंगे.
G20 के विदेश मंत्रियों की इस बैठक पर इसलिए भी नजर रहेगी क्योंकि यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस और पश्चिमी देशों या कहें अमेरिका के बीच तनाव कैसे सामने आता है. हालांकि भारत की कोशिश होगी कि इस बैठक पर यूक्रेन युद्ध का साया न पड़े, लेकिन मौजूदा वैश्विक स्थिति को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यह बैठक इससे अछूता रहेगा.
बैठक पर पड़ सकता है यूक्रेन युद्ध का साया
यह बैठक ऐसे वक्त हो रही जब यूक्रेन युद्ध दूसरे साल में प्रवेश कर गया. यूक्रेन मसला सीधे तौर पर इस बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि दूसरे तय मसलों पर चर्चा के दौरान यूक्रेन पर भी बात होगी. खासकर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के मसले पर यूक्रेन युद्ध का मुद्दा उठ सकता है.
पिछले दिनों बेंगलुरु में हुई G20 वित्त मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन युद्ध के मद्दे पर अमेरिका और पश्चिमी देशों तथा रूस और चीन के बीच असहमति देखने को मिली. इसी वजह बैठक में किसी संयुक्त बयान पर सहमति नहीं बन सकी. बेंगलुरु की बैठक में यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की भर्त्सना करने पर दोनों पक्ष बंटे दिखे.