भारत की राजधानी को देश की आर्थिक राजधानी से जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) का एक हिस्सा यातायात के लिए खुल चुका है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के अलावा देश में दुनिया के विकसित देशों की टक्कर के कई एक्सप्रेसवे बन रहे हैं. इन एक्सप्रेसवे की सड़कें तो आला दर्जें की होंगी ही, साथ ही इनके किनारों पर एटीएम, फूड कोर्ट, रेस्ट रूम, हॉस्पिटल समेत अन्य जरूरी वेसाइड सुविधाएं भी मिलेंगी. आइये, देश के के 5 शानदार एक्सप्रेसवे के बारे में जानते हैं.
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे (Delhi Mumbai Expressway) की कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है. इसके सोहना-दौसा-लालसोट खंड का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी को किया था. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से होकर गुजरेगा. जब यह मेगा-एक्सप्रेसवे पूरी तरह चालू हो जाएगा तो दिल्ली और मुंबई के बीच सिर्फ 12 घंटों का ही फासला रहेगा. इसके 2024 तक कम्पलीट होने की उम्मीद है.
109 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Dholera Expressway) का 21 फीसदी काम जनवरी 2023 तक पूरा हो चुका था. इसके जनवरी 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है. यह देश में अपने आप में एक अनोखा एक्सप्रेस-वे है. इसकी चौड़ाई 120 मीटर है. इसमें से 90 मीटर पर एक्सप्रेस-वे होगा और 30 मीटर चौड़ी पट्टी पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) बनाया जाएगा. मतलब यह है कि भविष्य में इस एक्सप्रेस-वे पर आपको कार और हाई स्पीड ट्रेन एक साथ दौड़ती नजर आएंगी. अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे परियोजना पर कुल 4200 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway) पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग होगा. यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक और कृषि केंद्रों को कांडला और जामनगर में पश्चिम भारत के बंदरगाहों से जोड़ेगा. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सितंबर 2023 तक यह एक्सप्रेसवे खुल जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के कारण अमृतसर-जामनगर के बीच सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा. एक्सप्रेसवे से दूरी घटकर 1224 किलोमीटर के करीब और समय 13 घंटे हो जाएगा.
द्वारका एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway NH-248BB) देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है. इसमें फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं. यह 16-लेन एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेस-वे है. दोनों तरफ कम से कम तीन-तीन लेन सर्विस रोड होगी.
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Kolkata Expressway) यूपी के वाराणसी से पश्चिम बंगाल के कोलकाता तक बनेगा. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Kolkata Expressway) तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी 7 घंटे में पूरी होगी अभी 14 घंटे लगते हैं. 610 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे को बनाने में 28,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे का ज्यादातर हिस्सा (242 किलोमीटर) पश्चिम बंगाल में बनेगा. इसके तैयार होने से यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा.