दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई से पहले उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. दरअसल, आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत मांगी है. इसके बाद कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि वे दोपहर 2 बजे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को पेश करे. इसी कोर्ट में दोपहर 2 बजे ही सीबीआई के स्पेशल जज एम. के. नागपाल मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेंगे.
सिसोदिया को कई घंटों तक पूछताछ के बाद 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने 6 मार्च को सिसोदिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. न्यायाधीश ने 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले उन्हें सीबीआई की सात दिनों के लिए रिमांड पर भेजा था. न्यायाधीश ने सीबीआई को सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
मनीष सिसोदिया ने अपनी जमानत याचिका में क्या कहा है?
सिसोदिया ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्होंने जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया. सिसोदिया ने कहा कि चूंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है, इसलिए उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है. उन्होंने बताया है कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद संभाला है और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं.