फर्जी दस्तावेजों (Fake Documents) के आधार पर वीजा (French Visa Fraud Case) जारी कर कथित तौर पर बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम देने वाला दिल्ली स्थित फ्रेंच दूतावास का एक पूर्व कर्मचारी भारत से फरार हो गया है. इस आरोपी ने अपने माता-पिता सहित सैकड़ों लोगों का वीजा जारी किया था. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने फ्रेंच दूतावास से मिली एक शिकायत के आधार पर इस मामले में शुभम शौकीन और एक अन्य पूर्व कर्मचारी आरती मंडल पर मामला दर्ज किया था. आरोप है कि शौकीन ने एक जनवरी 2022 से 6 मई 2022 तक दूतावास के वीजा विभाग के प्रमुख की स्वीकृति और जानकारी के बिना हर आवेदन पर कथित तौर पर 50,000 रुपये की घूस देने के बाद जाली दस्तावेजों के आधार पर वीजा जारी किए.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि शौकीन ने इस दौरान वीजा जारी करने के अनुरोध से जुड़ी 324 फाइलों का निपटारा किया. सीबीआई मामला दर्ज करने के बाद से ही शौकीन की तलाश कर रही है, लेकिन उसे पता चला कि शौकीन दिसंबर में प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले ही देश छोड़कर फरार हो गया.
सीबीआई ने जब्त किए शौकीन के माता-पिता के पासपोर्ट
छापों के दौरान सीबीआई ने शौकीन के पिता समुंदर सिंह और मां अनिता शौकीन केपासपोर्टजब्त किए जिन पर ‘शेंगेन’ वीजा स्टिकर लगे हुए थे. शेंगेन वीजाधारक व्यक्ति यूरोप में बिना किसी बाधा के 27 देशों की यात्रा कर सकता है. जब छानबीन की गई तो राष्ट्रीय राजधानी में फ्रेंस दूतावास ने 10 फरवरी को सीबीआई को बताया कि शौकीन के माता-पिता के पासपोर्ट पर वीजा स्टिकर असली हैं, लेकिन इन पर दूतावास के एक अधिकारी योहान फनहान के दस्तख़त फर्जी प्रतीत होते हैं.