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2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश, PFI के खिलाफ NIA की चार्जशीट में खुलासा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को कोच्चि (केरल) और चेन्नई (तमिलनाडु) में दो अलग-अलग मामलों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कुल 68 नेताओं, कार्यकर्ताओं और सदस्यों के खिलाफ दो आरोप पत्र दायर किए. इनके साथ, इस महीने पीएफआई कैडरों के खिलाफ एनआईए द्वारा दायर चार्जशीट की कुल संख्या चार हो गई है. इस तरह की पहली चार्जशीट 13 मार्च को जयपुर में और दूसरी हैदराबाद में 16 मार्च को दायर की गई थी.

केरल और तमिलनाडु में आज दाखिल आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं. इन दो राज्यों में जहां पीएफआई सबसे अधिक सक्रिय है, पीएफआई द्वारा रची गई अलग-अलग आपराधिक साजिशों से संबंधित है, जो प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं के कट्टरपंथीकरण के माध्यम से विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच दरार पैदा करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करती है. इसका मकसद 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के अंतिम उद्देश्य के साथ हथियारों को संभालना और आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए धन जुटाना था.

उपरोक्त आपराधिक साजिश के अलावा, एनआईए ने अपने केरल चार्जशीट में, पलक्कड़ निवासी श्रीनिवासन की नृशंस हत्या से जुड़े मामले को भी शामिल किया है, जिसे सशस्त्र पीएफआई कैडरों द्वारा मार डाला गया था (एफआईआर संख्या 318/2022) पलक्कड़ टाउन साउथ पुलिस स्टेशन). एनआईए जांच ने पीएफआई आपराधिक साजिश मामले (सितंबर 2022) के कुछ आरोपियों को श्रीनिवासन की हत्या में भी शामिल दिखाया था.