देश

भारत पर मंडरा रहा है खाद्य उत्पादन संकट, 2050 तक आधी आबादी पर होगा खतरा, रिपोर्ट में दावा

ग्लोबल वार्मिंग के चलते पड़ने वाले दुष्प्रभावों के कारण जल्द दुनिया के कई देशों को खाद्य आपूर्ति (Food Supply Crisis) की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक तापमान और भोजन की स्थिति पर एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि भारत को 2050 में पानी और गर्मी के तनाव (Food Security in India) के कारण खाद्य आपूर्ति में 16% से अधिक की कमी का सामना करना पड़ेगा, जिससे खाद्य असुरक्षित आबादी में 50% से अधिक की वृद्धि होगी. हालांकि, रिपोर्ट में चीन (China) को शीर्ष पर रखा गया है, जहां खाद्य आपूर्ति में 22.4% की कमी आएगी, इसके बाद दक्षिण अमेरिका (South America) में 19.4% की कमी होगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और आसियान सदस्यों सहित कई एशियाई देश, जो वर्तमान में शुद्ध खाद्य निर्यातक हैं, 2050 तक शुद्ध खाद्य आयातक बन जाएंगे. पानी के तनाव का मतलब है कि स्वच्छ या उपयोग करने योग्य पानी की मांग तेजी से बढ़ रही है, जबकि स्रोत सिकुड़ रहे हैं. 2019 में जल संकट का सामना करने के मामले में भारत वैश्विक स्तर पर 13वें स्थान पर है.

भारत में जल आपूर्ति की उपलब्धता 1100-1197 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) के बीच है. इसके विपरीत, मांग 2010 में 550-710 बीसीएम से बढ़कर 2050 में लगभग 900-1,400 बीसीएम तक बढ़ने की उम्मीद है. 1 रिव्यू एंड फाइंडिंग्स’ ग्लोबल कमीशन ऑन द इकोनॉमिक्स ऑफ वॉटर (GCEW) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि भारत की खराब जल नीति डिजाइन जल तनाव को दूर करने में एक बड़ी बाधा है. यह किसानों को भारत की ऊर्जा सब्सिडी को लक्षित करता है, जो पानी के अधिक उपयोग को बढ़ावा देता है, जिससे जलभृत की कमी होती है.