प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान कई महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए गए ,जिसमें पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ा एक बड़ा फैसला ये लिया गया कि PNG और CNG सस्ती होगी. इसके साथ ही कैबिनेट ने नेचुरल गैस की कीमत तय करने के नए फार्मूले को मंजूरी प्रदान की है. इसके लिए 2014 की गाइडलाइन में बदलाव किया गया है. इंटरनेशनल मार्केट में 8.57 डॉलर 2 साल में दाम बढे़ हैं. मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है. इसमें कहा गया है कि शासन में स्थिर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं और प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से उत्पादकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें.
मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि डोमेस्टिक गैस प्राइस अब इंडियन क्रूड बास्केट का 10 % होगा. पाइप लाइन और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस के दाम अब अंतरराष्ट्रीय क्रूड क़ीमत पर नहीं होंगे तय इसे इंपोर्टटेड क्रूड बास्केट के साथ लिंक किया गया और हर 6 महीने की जगह हर महीने इसे रिव्यू किया जाएगा. इस नए संशोधन से पीएनजी पर लगभग 10 फीसदी का फ़र्क़ रहेगा और सीएनजी पर लगभग 7-9 फ़ीसदी का फ़र्क़ आएगा. कल पर नोटिफिकेशन जारी होगा और परसों से लागू हो जाएगा.
उर्वरक और पावर सेक्टर को भी सस्ती गैस मिलेगी, आएगा बड़ा बदलाव
इस मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने बताया कि नए फार्मूले के तहत गैस की कीमत तय होने से उर्वरक और पावर सेक्टर को भी सस्ती गैस मिल सकती है. इसके साथ ही फर्टिलाइजर सब्सिडी भी कम होगी. पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन के मुताबिक कैबिनेट ने जिस नए फार्मूले को मंजूरी दी है वो मोटे तौर पर ONGC और ऑयल इंडिया की गैस पर लागू होंगी, डीप वाटर और अल्ट्रा डीप वाटर, हाई प्रेशर- हाई टेंपरेचर एरिया के लिए कीमत तय करने के फार्मूले में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी, कई स्टार्ट अप अब इसरो के साथ जुड़े
मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारा अंतरिक्ष विभाग गोपनीय तरीके से काम करता था यही उसके विकास में बाधा बन रहा था. पीएम मोदी ने निर्णय लिया था की इसे पब्लिक पार्टिसिपेशन के लिए खोल दिया गया था. कई स्टार्ट अप अब इसरो के साथ जुड़ गए हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी, नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना, इसरो मिशन की गतिविधियों को बढ़ावा देना और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप और उद्योग की बड़ी भागीदारी देना होगा.