सोने के दाम में कमी की उम्मीद लगाए लोगों को अभी राहत मिलने वाली नहीं है. आने वाले समय में सोने के रेट में और भी ज्यादा वृद्धि देखने को मिलेगी, क्योंकि जिस तरीके से इंटरनेशल लेवल पर डॉलर और स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है उससे लोग तेजी से गोल्ड में इन्वेस्ट करने के लिए सोने की खरीदारी कर रहे हैं.
मेरठ सर्राफा व्यापारी भगत ज्वेलर्स के डायरेक्टर आकाश मांगलिक ने बताया कि भारत और चीन में सबसे ज्यादा सोने की डिमांड होती है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरीके से तीन बैंकों के हालात खराब हुए हैं. जो लोग भी स्टॉक मार्केट में अपना पैसा लगाते थे, वो सभी सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं जिससे कि उनको नुकसान ना हो. इससे कहीं ना कहीं सोने की रेट पर भी असर देखने को मिल रहा है. आकाश मांगलिक की मानें तो इस साल के अंत तक सोने की कीमत 65,000 से 70,000 रुपये प्रति दस ग्राम (24 कैरेट) के बीच में भी जा सकती है.
कस्टम ड्यूटी में मिलनी चाहिए राहत
भारत में सोने की कीमत में उछाल का एक मुख्य कारण है कि जिस तरह से सरकार के द्वारा सोने पर कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है वो अब तक के दौर की सबसे महंगी दर है. इसलिए सोने की कीमत में और भी ज्यादा उछाल देखने को मिलता है. कई बार इसको लेकर आभूषण विक्रेताओं के द्वारा सरकार को मांग पत्र देकर इसकी कीमत घटाने के लिए कहा जाता है. बता दें कि, मंगलवार को मेरठ में 24 कैरेट सोने का रेट 60,500 रुपये प्रति 10 ग्राम था.