सूडान में इस समय कत्लेआम मचा हुआ है. चारों तरफ हिंसा फैली हुई है. वहीं बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सूडान (Sudan Conflict) से 3000 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए एक आकस्मिक योजना तैयार करने के लिए कहा. सूत्रों के अनुसार इसके बाद भारत सूडान से सड़क मार्ग के रास्ते फंसे भारतीयों को निकालने की प्लानिंग कर रहा है.
सूडान में 15 अप्रैल से वहां के दो सशस्त्र सैन्य बलों के बीच युद्ध के कारण जारी हिंसा के बीच भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं. ज्यादातर भारतीय सूडान की राजधानी खार्तूम में फंसे हुए हैं. भारत का फोकस फंसे भारतीयों की सुरक्षा और सेफ्टी है. सूडान में जारी हिंसा के कारण हवाई आवाजाही बंद हो चुकी है. इस कारण भारत सूडान में फंसे भारतीयों को सड़क मार्ग के जरिए निकालने का प्लान बना रहा है.
मालूम हो कि विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) द्वारा अपने सऊदी अरब समकक्ष से बात करने के कुछ दिनों बाद सऊदी अरब ने सूडान से भारतीय लोगों को निकाला है. हिंसाग्रस्त सूडान से सऊदी अरब (Saudi Arabia) द्वारा निकाले गए ‘मित्रवत और भाईचारे वाले देशों’ के 66 लोगों में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने में जयशंकर एक्शन में दिख रहे हैं.
बता दें कि सूडानी सेना (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) कहे जाने वाले अर्धसैनिक बल के बीच लगातार हिंसा ने सूडान में बेहद खराब स्थिति पैदा कर दी है. SAF ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट किया था. तबसे वह संप्रभुता परिषद के जरिए देश चला रहा है. वहीं RSF खुद को देश की सेना का हिस्सा मान रहा हैं और सूडान में फिर से लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना करना चाहता है. सेना (SAF) का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं और अर्द्धसैनिक बल (RSF) का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डागालो कर रहे हैं.