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राजनाथ सिंह ने की ‘SCO डिफेंस मिनिस्टर्स मीट’ की अध्यक्षता, कहा- आतंकवादी की चुनौती से हमें मिलकर लड़ना होगा

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के डिफेंस मिनिस्टर्स की बैठक में कहा कि हमें एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए. उन्होंने इस बैठक की अध्यक्षता की. भारत के रक्षा मंत्री ने कहा, आतंकी समूह सोशल मीडिया और क्राउडफंडिंग जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर एससीओ को मजबूत होकर उभरना है तो हमें मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि यह मंच हम सभी को अपने विचारों का आदान-प्रदान करने, अपने दृष्टिकोण और चिंताओं को साझा करने का अवसर प्रदान करता है. यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां हम अपने सामने मौजूद चुनौतियों पर चर्चा कर सकते हैं और समाधान ढूंढ सकते हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एससीओ को सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में देखता है. उन्होंने कहा कि हम, एक राष्ट्र के रूप में, एससीओ के सदस्यों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं. भारत एससीओ को मजबूत बनाने, एससीओ के शासनादेश के कार्यान्वयन में योगदान देने और हमारी साझी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने एजेंडे पर ध्यान देने की जरूरत है. इससे प्रत्येक सदस्य देश के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारे सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं. युगों से, हमारे पास लोगों से लोगों का जुड़ाव रहा है और वस्तुओं और विचारों के क्षेत्र में आदान-प्रदान हुआ है- जिसके कारण हम आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विकसित हुए हैं. बदलते समय के साथ हम उन संबंधों को मजबूत करने का काम करेंगे. एससीओ एक मजबूत क्षेत्रीय संगठन के रूप में विकसित हुआ है.’ इस बीच, पाकिस्तान वर्चुअल मोड में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहा है. इससे पहले, उसने कॉन्क्लेव को छोड़ने का फैसला किया था. एससीओ 2001 में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है. एससीओ की सदस्यता में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.