हेट स्पीच के मामलों (Hate Speech Cases) में बिना आरोपी का धर्म देखे तत्काल उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, ताकि संविधान की प्रस्तावना में कल्पित भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को सुरक्षित रखा जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ये टिप्पणी करते हुए सभी राज्य और केंद्र शाषित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि हेट स्पीच के मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए.
कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह की हेट स्पीच में राज्यों की पुलिस किसी औपचारिक शिकायत का इंतजार नहीं करें और स्वयं संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करे. कोर्ट ने ये भी साफ किया कि इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की कोताही को अदालत की अवमानना के रूप में देखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि जहां भी किसी तरह की हेट स्पीच दी जाती है, उस राज्य की पुलिस बिना किसी भेदभाव के तुरंत स्वयं संज्ञान लेते हुए एफआईआर करेगी और आरोपियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस बारे में अपने अधिकारियों को निर्देश जारी करें, ताकि उपयुक्त कदम जल्द से जल्द उठाए जा सकें.
पिछले कुछ समय में हेट स्पीच के कई मामले देखे गए हैं. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गई हैं. इन मामलों में अदालत ने सरकारों के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणियां की गईं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही हेट स्पीच से जुड़े इसी मामले में कहा था कि जिस समय राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल बंद कर देंगे तब हेट स्पीच बंद हो जाएगी. उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्रिओं जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का भी जिक्र किया और कहा था कि लोग दूर-दूर से उन्हें सुनने आते थे.