छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) में हुए नक्सली हमले (Naxali attack) को लेकर पुलिस सरगर्मी से मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है. यहां अरहानपुर थाना क्षेत्र में एक एमयूवी को विस्फोट कर उड़ा दिया गया था जिससे 10 जवान और 1 ड्राइवर की मौत हो गई थी. अब पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में माओवादी कमांडर जगदीश ही मास्टरमाइंड हो सकता है. उसकी तलाश तेज कर दी गई है. News18 से चर्चा में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक खुफिया जानकारी पर अरहानपुर ऑपरेशन शुरू किया गया था और ऐसा बताया गया था कि इलाके में जगदीश मौजूद है. हालांकि अब यह शक है कि माओवादियों ने जानबूझकर गलत जानकारी दी थी. जगदीश की लोकेशन ठीक विस्फोट स्थल पर होने का संदेह है.
पुलिस अफसरों ने बताया कि घटनास्थल से जुड़े सबूतों से पता चला है कि नक्सली आपस में सूचनाएं मोबाइल के जरिए भेज रहे थे. वे आपस में जुड़े हुए थे और ऐसा संदेह है कि मौजूद कमांडरों में से एक जगदीश भी था. पूरे मामले पर हम जांच कर रहे हैं. पुलिस को संदेह है कि जगदीश वहीं था, लेकिन वह किसी ऊंचे स्थान से सब देख रहा था, ताकि वह विस्फोट और गोलीबारी के बारे में आदेश दे सके. उसने ही विस्फोट का इशारा किया और उसके बाद फायरिंग करने के लिए कहा ताकि वे सभी सुरक्षित भाग सकें. ऐसा माना जा रहा है कि इस साजिश को दरभा डिवीजनल कमेटी (डीडीसी) ने अंजाम दिया है. एजेंसियों को संदेह है कि दंतेवाड़ा नरसंहार बस्तर में डीडीसी की उपस्थिति को फिर से स्थापित करने का जगदीश का प्रयास हो सकता है. यह वही डीडीसी है जिसने 2013 में कई कांग्रेस नेताओं की हत्या कर दी थी.
जगदीश और उसके साथियों पर मामला दर्ज
जगदीश और उसके सहयोगियों पर अब आर्म्स एक्ट, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या और हत्या के प्रयास सहित मामला दर्ज किया गया है. एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा ‘सीपीआई माओवादी दरभा डिवीजन कमेटी के सदस्य जगदीश, लक्खे, सोमडू, महेश, हिड़मा, उमेश, देवे, नंद कुमार, लखमा, कोसा और मुकेश को पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में नामजद किया गया है. सभी भाकपा माओवादी के वांछित सदस्य हैं.’