भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) के लिए 87,416 करोड़ रुपये के डिविडेंड भुगतान को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. यह इसके पहले वित्त वर्ष (FY22) के डिविडेंड भुगतान के मुकबले करीब तिगुना है.
वित्त वर्ष 2021-22 में डिविडेंड भुगतान 30,307 करोड़ रुपये था. गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 602वीं बैठक में डिविडेंड भुगतान का फैसला लिया गया.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने किसी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए ‘आकस्मिक जोखिम बफर’ (Contingency Risk Buffer) को 6 फीसदी रखने का फैसला करते हुए लेखा वर्ष 2022-23 के लिए सरप्लस के रूप में 87,416 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने को मंजूरी दी.’’
सालाना रिपोर्ट और लेखा को भी मंजूरी
निदेशक मंडल ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक तथा उससे जुड़ी स्थितियों की भी समीक्षा की. आरबीआई के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई के कामकाज की समीक्षा के साथ सालाना रिपोर्ट और लेखा को मंजूरी दे दी.
क्या होता है RBI का डिविडेंड?
बता दें कि कंपनियों की ओर से अपने मुनाफे में से शेयरधारकों को समय-समय पर कुछ भाग दिया जाता है. मुनाफे का हिस्सा डिविडेंड के रूप में दिया जाता है. इसी तरह रिजर्व बैंक भी अपने मुनाफे के हिस्से में से कुछ हिस्सा सरकार को देता है.