भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 6 से 8 जून तक होगी. आरबीआई ने पिछली मीटिंग में रेपो रेट (Rapo Rate) में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया था. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का अनुमान है कि जून मीटिंग में भी रेपो रेट में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया जाएगा. एसबीआई ने बैठक में वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई अनुमान घटाया और ग्रोथ अनुमान को बढ़ाया जा सकता है. बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष की शुरुआत के मुकाबले लिक्विडिटी अब बढ़ चुकी है और इसमें आगे और वृद्धि की संभावना है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अगुवाई वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक छह जून मंगलवार से शुरू होगी. बैठक आठ जून गुरुवार तक चलेगी. बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास फैसलों की जानकारी देंगे. यह केंद्रीय बैंक की चालू वित्त वर्ष के दौरान मौद्रिक नीति समिति की दूसरी बैठक है. एमपीसी की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई अप्रैल में 18 महीनों के निचले स्तर 4.7 फीसदी के स्तर पर आ गई है.
अभी 6.5 फीसदी है रेपो रेट
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, गौरतलब है कि पिछली मौद्रिक नीति बैठक से पहले महंगाई को रोकने के लिए आरबीआई रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुका था. अब कल से शुरू होने वाली बैठक में एक ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव केंद्रीय बैंक द्वारा न करने का अनुमान लगाते हुए एसबीआई ने कहा, “जून पॉलिसी में भी हमें ठहराव नजर आएगा. अभी रेपो रेट 6.50 फीसदी है और इस पर लंबे वक्त तक टिका जा सकता है.” लिक्विडी सरप्लस मोड में है. 1 जून को नेट एनएएफ 2.4 लख करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष की शुरुआत में 2.1 लाख करोड़ था. आने वाले समय में 2,000 रुपये के नोट के बैंकों में जमा होने से लिक्विडिटी और बढ़ेगी.
अक्टूबर तक 5 फीसदी से नीचे महंगाई
एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि महंगाई दर अक्टूबर तक 5 फीसदी से नीचे जा सकती है. जून मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई अनुमान डाउनग्रेड किया जा सकता है. ग्रोथ मजबूत बनी हुई है. इसलिए FY24 के लिए ग्रोथ अनुमान में भी बढ़ोतरी संभव है. एसबीआई का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपनी जून मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरें बढ़ा सकता है.