एक आम भारतीय के लिए खादी से जुड़ी पहली यादें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी रही हैं. अंग्रेजो के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में खादी ने अहम भूमिका निभाई और यह इस आजादी की लड़ाई की मूल भावना में निहित रहा. आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी द्वारा खादी को दिए गए खास महत्व के चलते आम आम भारतीय ने भी इससे जुडाव महसूस किया और इसका उपयोग राजनेताओं के साथ-साथ आम भारतीयों ने प्रारंभ किया.
ग्रामीण और स्वदेशी उद्योगो को प्रोत्साहन देने की मूल भावना से ओतप्रोत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी वर्ष 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से ही खादी को प्रोत्साहन देना प्रांरभ किया और इसे राजनेताओं की झोली से निकालकर आम भारतीय के घर-घर में पहुंचा दिया. पीएम मोदी ने हर अवसर पर खादी उत्पादों का प्रचार कर इसे ब्रांड खादी बना दिया और इसे विश्व भर में जन-जन तक पहुंचा दिया. पीएम मोदी के निरंतर प्रोत्साहन के चलते ही खादी क्षेत्र आज प्रगति के नए रिकार्ड बना रहा है. खादी उद्योग ने “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के अंतर्गत पीएम मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व के सामने भारत की एक मजबूत तस्वीर प्रस्तुत की.
पीएम मोदी ने 27 अगस्त 2022 को अहमदाबाद में खादी उत्सव के मौके पर संबोधन करते हुए कहा था कि- आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी ने हमें स्वदेशी का एहसास कराया, आजादी के बाद उसी खादी को अपमानित नजरों से देखा गया. आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया. इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया.
भारत में खादी और ग्रामोद्योग आयोग(KVIC) की स्थापना वर्ष 1956 में की गई थी लेकिन अगले 58 वर्षों तक अर्थात 2014 तक खादी को लोकप्रिय करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए और यह आम जनता की पहुंच से दूर रहा.
रिकार्ड कारोबार
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने पहली बार 1.34 लाख करोड़ से अधिक के उत्पादों की बिक्री कर एक नया इतिहास रचा है. पीएम मोदी के कार्यभार संभालने के बाद से ही बीते 9 सालो में ग्रामीण क्षेत्रो में कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री में 332 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. वर्ष 2014 में KVIC का टर्नओवर जहां 31,154 करोड़ रुपए था वहीं वित्तीय वर्ष 2013-14 में यह बढ़कर 1,34.630 करोड़ पर पहुंच गया. KVIC ने इसके साथ ही ग्रामीण इलाको में 9,54,899 नए रोजगार भी सृजित किए.
रोजगार और कारीगरों की आय बढ़ी
खादी उद्योग को प्रोत्साहन देने के कारण भारत में इस क्षेत्र में तेजी से रोजगार सृजन भी हुआ. KVIC ने वर्ष 2013-14 में जहां 130,38,444 कुल रोजगार सृजन किए थे वहीं वर्ष 2022-23 में यह 36 प्रतिशत की भारी वृद्धि के बाद बढ़कर 177,16,288 हो गया.