बरसात का मौसम आते ही दिल्ली और एनसीआर के अस्पतालों की ओपीडी में बुखार के मामले बढ़ने लगे हैं. वायरल फीवर और डेंगू इस मौसम मे होने वाली आम बीमारी है, इसके अलावा टायफॉइड और लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. लेप्टोस्पायरोसिस चूहों से होने वाली बीमारी है, जो इस मौसम में फैलती है, क्योंकि पानी भर जाने के कारण चूहे अपने बिलों से बाहर निकलने लगते हैं.
बीमारी से जुड़े लक्षणों में फीवर, नाक का बहना, शरीर में दर्द, भूख नहीं लगना, थकावट, गले में दर्द और कन्जक्टिवायटिस शामिल है. हालांकि बीमारी के लक्षण हर मरीज में अलग हो सकते हैं. बुजुर्ग, बच्चे और ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज, दिल की बीमारी है या जो लोग इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी पर है और स्टेराइड ले रहे हैं, उन लोगों में संक्रमण और वायरल फीवर का खतरा ज्यादा होता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ सलाहकार, इंटरनल मेडिसिन डॉ. मनीषा अरोड़ा ने न्यूज18 को बताया कि, ‘बीते हफ्तो में, बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में बुखार के मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ये बुखार विभिन्न लक्षणों के साथ हो रहा है, जिनमें हाथ, पैर या यहां तक कि पूरे शरीर पर चकत्ते शामिल हैं. इसके अलावा मरीजों को जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, आंखों के पीछे दर्द और सिरदर्द का भी अनुभव होता है.’
फ़रीदाबाद में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. रवि शेखर झा ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए बताया कि ‘पिछले दो हफ्तों से बुखार के मामले बढ़ रहे हैं, मौसम इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.’ झा कहते हैं कि बदलता मौसम वायरल संक्रमण और जल-जनित बीमारियों, खासकर टाइफाइड और लेप्टोस्पायरोसिस की बढ़ोतरी से जुड़ा हुआ है. लक्षणों के आधार पर ही बीमारी को प्रमुख रूप से अलग किया जा सकता है.