देश

क्या है बैंक लॉकर की नई शर्त? क्यों ग्राहक हो रहे परेशान, जान लें क्या कहता है RBI का नया नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक लॉकर को लेकर नए नियम जारी किए हैं. यह नए नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो चुके हैं. लेकिन कई ग्राहकों को इनके बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं है. बता दें कि आरबीआई की यह शर्त कि बैंक लॉकर होल्डर्स को समय सीमा के भीतर नए लॉकर एग्रीमेंट के लिए पात्रता दिखानी होगी और नवीनीकरण के लिए एग्रीमेंट करना होगा. ये नियम बैंक में लॉकर लेने वाले ग्राहकों की ओर से लगातार बढ़ रही श‍िकायतों के कारण लागू किए गए हैं.

रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वह अपने कम से 50 फीसदी लॉकर होल्डर से नए एग्रीमेंट पर 30 जून, 2023 तक साइन लें. वहीं 30 सितंबर तक 75 फीसदी और 31 दिसंबर 100 फीसदी ग्राहकों से नए लॉकर एग्रीमेंट पर साइन ले लिया जाए. इसके साथ ही सभी बैंकों के ग्राहकों को नए एग्रीमेंट के डिटेल्स के बारे में सूचना देने के लिए भी कहा गया है. सभी बैंकों को आरबीआई के दक्ष पोर्टल पर अपने लॉकर एग्रीमेंट के स्टेटस की जानकारी भी अपडेट करना होगी.

क्या कहा RBI ने
आरबीआई के अनुसार, किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय, बैंक को उस ग्राहक के साथ, जिसे लॉकर सुविधा प्रदान की गई है, विधिवत मुहर लगे कागज पर एक एग्रीमेंट करना होगा. लॉकर-किराए पर लेने वाले को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दोनों पक्षों द्वारा साइन किए हुए एग्रीमेंट की दो कॉपी एक ग्राहक के पास एक बैंक के पास होनी चाहिए. इन नए नियमों के मुताबिक, अब बैंक यह नहीं कह सकते कि लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना तक होगी. इसके अलावा बैंक को लॉकर की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने पड़ेंगे.

कौन देगा स्टांप पेपर का चार्ज, बैंक या ग्राहक
नए नियम के बाद ग्राहकों को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां कुछ बैंक लॉकर मालिकों से 500 रुपये के कागज पर स्टांप एग्रीमेंट जमा करने के लिए कह रहे हैं, वहीं कुछ 100 रुपये का स्टांप पेपर लेने के लिए तैयार हैं. जिसमें यह स्पष्ट नहीं है कि स्टांप पेपर का खर्च कौन उठाएगा. कुछ बैंक स्टांप पेपर दे रहे हैं वहीं कुछ बैंक ग्राहकों से ही स्टांप पेपर लाने का कह रहे हैं. वहीं कुछ ग्राहकों की यह भी शिकायत है कि बैंकों ने उन्हें लॉकर एग्रीमेंट के नवीनीकरण के बारे में सूचित नहीं किया है.