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रेलगाड़ियों में सुधार के बाद अब बड़े पैमाने पर रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करेगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने सिर्फ रेलवे की यात्रा के अनुभव को ही नहीं बदला है, बल्कि रेलवे स्टेशनों को भी नए तरीके से बना रही है. देश के तमाम रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा चुका है तो जल्द ही देशभर के 508 रेलवे स्‍टेशनों को डेवलप करने की योजना बना ली है. इसके लिए छह अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम की शुरुआत करेने जा रहे हैं. खास बात यह है कि शिलान्‍यास का कार्यक्रम एक ही समय में किया जाएगा. जिसमें करीब 24 हजार करोड़ रुपये का निवेश का अनुमान है.

दरअसल, रेलवे का पूरा का सिस्टम अंग्रेजों की देन रही. उनके जाने के बाद जिस तरह से इसके जरिए जनसुविधा देने की बातें सरकारें करती रही उसकी वजह से बहुत सारे रेलवे स्टेशनों की हालत बेहद खराब हो चुकी थी. रेलवे स्टेशनों में घुसते ही लगता था किसी बहुत ही खराब सी जगह पर आ गए हैं. 2014 में मोदी सरकार आने के बाद स्थितियां जरुर कुछ बदली, कई स्टेशनों पर एलिवेटर बगैरह लगाए गए. साथ ही मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान के दौरान ज्यादातर स्टेशनों की साफ सफाई भी की गई लेकिन उनका मूल ढांचा वैसा ही रहा. अब उनको बेहतर तरीके से डेवलप करके स्तरीय बनाने की तैयारी है.
यही नहीं केंद्र सरकार इस पूरी परियोजना से जनता को जोड़े रखना चाहती है. रेलवे स्टेशन वैसे भी भारतीय जनमानस से बेहद जुड़े रहे हैं. जानकारों का कहना है कि इसी को आगे बढ़ाते हुए सभी 508 स्‍टेशनों पर एक साथ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. आयोजनों में काफी संख्‍या में स्‍कूली छात्र शामिल होंगे. इस दौरान छात्रों के बीच विभिन्‍न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी.
रेल मंत्रालय के अनुसार ए प्‍लस, ए और बी श्रेणी के स्‍टेशनों का डेवलपमेंट किया जाएगा. ए प्‍लस में आनंद विहार, निज़ामुद्दीन, प्रयागराज और जयपुर जैसे देशभर के तमाम बड़े स्टेशन शामिल हैं.
अमृत भारत स्टेशन योजना में स्टेशन एंट्री, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, लिफ्ट, पार्किंग क्षेत्रों में सुधार, प्लेटफार्म कवर में वृद्धि और एस्केलेटर के अलावा स्वच्छता, मुफ्त वाई-फाई, स्थानीय लोगों के लिए कियोस्क जैसी सुविधाओं में सुधार के लिए मास्टर प्लान तैयार करना शामिल है.

इसके तहत ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ योजना के तहत उत्पाद को प्रमोट किया जाएगा. इस योजना के तहत 1,309 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है, जिनमें राजस्थान में 83, गुजरात में 87, मध्य प्रदेश में 80 और हरियाणा में 34 स्टेशन शामिल हैं. इनमें से कुल 500 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए शिलान्‍यास किया जाएगा.