लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा नीत राजग गठबंधन के खिलाफ 20 से ज्यादा विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में अभी से दरार आ गई है. दरअसल, कांग्रेस की तरफ से आगामी चुनाव के मद्देनजर सभी 7 सीटों पर उतरने के फैसले बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय कर लिया है तो ‘इंडिया’ गठबंधन की मीटिंग में जाने का कोई मतलब नहीं है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. हालांकि, ‘आप’ ने कहा कि मुंबई में होने वाली ‘इंडिया’ की आगामी बैठक में जाने या ना जाने का अंतिम फ़ैसला पार्टी की टॉप लीडरशिप करेगी.
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पार्टी की दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की जिसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में खड़गे और राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं के बीच एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया.
आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित तथा कुछ अन्य नेता आम आदमी पार्टी के साथ संभावित गठबंधन का विरोध कर रहे थे. हालांकि, पार्टी के अधिकतर नेताओं का कहना था कि पार्टी नेतृत्व का फैसला सभी को स्वीकार्य होगा. दिल्ली में सेवाओं से संबंधित विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस ने पिछले दिनों संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया था, जबकि संदीप दीक्षित और अजय माकन जैसे कई नेताओं की राय इस मुद्दे पर अलग थी.
बैठक में संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार, वरिष्ठ नेता अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल और कई अन्य नेता मौजूद थे. खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र, आज दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ मंत्रणा हुई. दिल्ली प्रदेश का नवसंचार हमारी प्राथमिकता है, जिसमें सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सहभागिता ज़रूरी है. हमने दिल्ली को समृद्ध और ख़ुशहाल बनाया था, आगे भी दिल्ली के लोगों के लिए हमारा संघर्ष जारी है.”
वहीं, कांग्रेस और ‘आप’ के बीच आई इस दरार पर भाजपा ने भी चुटकी ली है. कांग्रेस की तरफ से दिल्ली की सभी 7 सीटों पर तैयारी किये जाने पर बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि मतलब की यारी में इसी तरह दरार आती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. हालांकि त्रिकोणीय मुकाबले में मत प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस भाजपा के बाद दूसरे स्थान पर रही थी.