पहाड़ों में कुदरत का कहर जारी है. एक ओर जहां हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश-बाढ़ की तबाही जारी है, वहीं दूसरी ओर अब मणिपुर में जमीन खिसकने की घटनाएं सामने आ रही हैं. मणिपुर में एक बार फिर से कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. मणिपुर के नोनी जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं, जिससे इंफाल-सिलचल राजमार्ग अवरुद्ध हो गया. इस मार्ग पर कम से कम 500 मालवाहक वाहन फंसे हुए हैं. यह जानकारी बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने दी.
अधिकारियों की मानें तो राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर इरांग तथा अवांगखुल भाग 2, खोंगसांग एवं अवांगखुल के बीच और रंगखुई गांव में भूस्खलन की घटनाएं हुईं. अधिकारियों के अनुसार, राजमार्ग से मलबा हटाने और यातायात को बहाल करने के लिए कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ.
बीते वर्ष जिले में रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना जिरिबाम-इंफाल रेलवे लाइन पर तुपुल रेलवे यार्ड के निर्माण स्थल पर 30 जून को हुई थी. हिंसा प्रभावित राज्य में भूस्खलन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है. जहां कई दिनों तक चली सड़क नाकेबंदी ने मालवाहक वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किया था जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हुआ था. राज्य में तीन महीनों से जातीय हिंसा जारी है जिसमें 160 लोगों की जान चली गई है.