भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी पोल की सतह पर उतरकर ऐतिहासिक मिशन पूरा किया है. दरअसल इसके लिए इसरो (ISRO) और भारत को दुनिया भर से बधाइयां मिल रहीं हैं. दुनिया के कई देशों और खास तौर पर स्पेस एजेंसियों ने बधाई दी है. अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), यूनाइटेड किंगडम स्पेस एजेंसी (UKSA) और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने अपने बधाई संदेश भेजे हैं.
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने अपने बधाई संदेश को ट्वीट करते हुए कहा कि ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए इसरो और भारत को बधाई. भारत, चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है. हमें इस मिशन में आपका भागीदार बनकर खुशी हो रही है. भारत का पहली सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने का ये शानदार तरीका है. मैं पूरी तरह प्रभावित हूं. इस प्रक्रिया में बहुमूल्य समर्थन के लिए ईएसए ऑपरेशंस को भी बधाई. हम भी काफी कुछ सीख रहे हैं. एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय साझेदार एक शक्तिशाली साझेदार होता है.
वहीं यूरोपियन स्पेस एजेंसी के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर ने भी भारत और इसरो को बधाई संदेश भेजा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘अविश्वसनीय, चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो और भारत के सभी लोगों को बधाई.’यूके स्पेस एजेंसी ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘भारत के चंद्रयान-3 ने इतिहास रच दिया है. इसरो को बधाई.इसरो की चंद्रयान-3 टीम को बधाई.’
मून मिशन का अगला चरण शुरू
भारत के चंद्रयान-3 ने अपने निर्धारित समय पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है और अब इसके बाद मिशन का अगला चरण शुरू हो गया है. चंद्रयान का विक्रम के सतह पर लैंड होने के बाद कई तरह से काम करेगा. चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र पर्यावरण और उनके द्वारा पेश की जाने वाली कठिनाइयों के कारण बहुत अलग भूभाग हैं और इसलिए उनका अभी तक अन्वेषण नहीं हुआ है. चंद्रमा पर पहुंचने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में उतरे हैं. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र का भी पता लगाया जा रहा है क्योंकि इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है.