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किसान होंगे मालामाल! अब सूखे इलाकों में भी होगी धान की बंपर पैदावार, कृषि वैज्ञानिकों ने तलाशी नई किस्म

बुंदेलखंड अपने सूखे के लिए पूरे देश में जाना जाता है. सूखे बुंदेलखंड में खेती करना बहुत मुश्किल होता है. पानी की कमी की वजह से यहां फसल लग नहीं पाती हैं. ऐसे में धान की खेती करना तो लगभग नामुमकिन ही माना जाता है. लेकिन, अब बुंदेलखंड में धान की खेती करना किसान के लिए आसान होने जा रहा है.

कृषि विशेषज्ञों ने धान की एक ऐसी प्रजाति खोज की है जिससे सूखे क्षेत्रों में भी धान की खेती आसान हो जाएगी. कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि ” केकेएल (आर) 3″ नाम की नई किस्म विकसित की गई है.

इसे पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है. उन्होंने बताया कि केकेएल (आर) 3 प्रजाति की खेती खारी और सामान्य दोनों प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. यह जमीन पर तेजी से विकसित होती है.

सूखे क्षेत्रों में तो इस प्रजाति की खेती और अधिक लाभदायक हो जाती है. उत्तर भारत और बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए यह प्रजाति बहुत अनुकूल है. डॉ. पांडेय ने बताया कि इस नई प्रजाति से किसानों को धान की पैदावार में वृद्धि करने में मदद मिलेगी.

पहले जो किसान सूखे की वजह से खेती नहीं करते थे. वह अब धान की नई किस्म से लाभ उठा सकेंगे. बुंदेलखंड में यह बीज जल्द ही उपलब्ध होगा. किसान इसकी खेती से आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं.