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भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है… जो बाइडेन के Xenophobic बयान पर क्या बोले विदेश मंत्री एस. जयशंकर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस दावे के एक दिन बाद कि भारत सहित कई देश ‘ज़ेनोफोबिक’ हैं क्योंकि वे अप्रवासियों का स्वागत नहीं करते हैं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को इस टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया. जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत हमेशा से ही विविध समाजों के लोगों के लिए खुला और स्वागत करने वाला रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी में यह भी आरोप लगाया कि भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है. राष्ट्रपति बाइडेन के दावों को खारिज करते हुए, जयशंकर ने स्पष्ट किया, “सबसे पहले, हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है.”

जयशंकर का बयान इस तथ्य पर आधारित है कि भारत पिछले कुछ वर्षों से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रहा है, जबकि पिछले साल पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था भी बन गया. भारत दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भी अग्रसर है.

बाइडेन ने बीते 1 मई को कहा था, “आप जानते हैं, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने का एक कारण क्या है — आप और अन्य लोग. क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं. क्यों चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह रुका हुआ है? जापान को परेशानी क्यों हो रही है? भारत को क्यों दिक्कत हो रही है? क्योंकि वे अपने देश में अप्रवासी नहीं चाहते.” अमेरिकी राष्ट्रपति ने वॉशिंगटन में फंड हासिल करने के एक कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपने पुन: चुनाव के लिए प्रचार करते हुए यह बात कही.