राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज राहत मिलेगी या नहीं यह सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा. बता दें कि केजरीवाल पिछले एक महीने से शराब घोटाले मामले में जेल में बंद हैं. ED सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली शराब घोटाले मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है. लेकिन इससे ठीक पहले केजरीवाल की कानूनी टीम ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी अंतरिम जमानत के विरोध में ED के हलफनामे पर आपत्ति जताई है.
अरविंद केजरीवाल की टीम ने एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि इस संबंध में एक औपचारिक शिकायत सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में दर्ज कराई गई है. ED के हलफनामे को कानूनी प्रक्रियाओं की घोर अवहेलना बताते हुए बयान में कहा गया है कि हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना दाखिल किया गया और ऐसे समय में जारी किया गया जब विषय की अंतिम सुनवाई शुक्रवार को शीर्ष अदालत में होनी है.मालूम हो कि इससे पहले ED ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल की अंतरिम जमानत के मुद्दे पर गुरुवार को हलफनामे के जरिये सुप्रीम कोर्ट में विरोध दर्ज कराया और कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक. यह हलफनामा ऐसे समय दाखिल किया गया जब सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को केजरीवाल की अंतरिम जमानत के मुद्दे पर फैसला सुनायेगा.
ED ने अपने हलफनामे में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक नये हलफनामे में ED ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां राजनीतिज्ञों ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए चुनाव लड़ा और कुछ जीते भी, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई. ED ने कहा कि ‘किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले वह चुनाव नहीं लड़ रहा हो. यहां तक कि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार भी यदि हिरासत में हो तो उसे अपने खुद के प्रचार के लिए भी अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है.’