यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल टू का है. रात्रि करीब आठ बजे सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) की इंटेलीजेंस विंग के प्रोफाइलर कॉन्स्टेबल रवि तोमर टर्मिनल टू के बाहर गश्त पर थे. इसी बीच, उन्हें एरावइल टर्मिनल के करीब स्थिति स्टाफ कैंटीन के पास एक युवती दिखाई दी, जिसने सीआईएसएफ की कैमोफ्लॉज यूनिफॉर्म पहन रखी थी.
कुछ देर ऑब्जर्व करने के बाद सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल रवि तोमर को इस युवती पर शक हो गया. जिसके चलते, उन्होंने तत्काल इस बाबत अपने आला अधिकारियों को सूचित किया. आला अफसरों की तरफ से दिशानिर्देश मिलने के बाद वह सीआईएसएफ की वर्दी में घूम रही युवती के पास पहुंचे और उससे बातचीत शुरू की. बातचीत के दौरान, इस युवती ने बताया कि वह दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन में तैनात हैं.
इस संदिग्ध युवती से कुछ देर बातचीत करने के बाद कॉन्स्टेबल रवि को भरोसा हो गया कि इसका सीआईएसएफ से कोई लेना देना नहीं है. जिसके बाद, कॉन्स्टेबल रवि तोमर ने कुछ ही दूर पर खड़ी सीआईएसएफ की महिला कॉन्स्टेबल को भी मौके पर बुला लिया. इस संदिग्ध युवती को हिरासत में लेकर सीआईएसएफ कंट्रोल ले जाया गया, जहां पर आला अधिकारियों की मौजूदगी में इससे पूछताछ शुरू की गई.
संदिग्ध युवती के कब्जे से बरामद बैग से मिला यह सामान
सीनियर एयरपोर्ट सिक्योरिटी ऑफिसर ने बताया कि इस संदिग्ध महिला के पास से एक बैग भी बरामद किया गया है, जिसमें सीआईएसएफ की खाकी वर्दी और सोल्डर बैच रखा हुआ था. उन्होंने बताया कि पूछताछ में इस संदिग्ध युवती ने एक बार फिर यही दोहराया कि वह दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा में तैनात है. लेकिन, वह ना ही अपना आई-कार्ड दिखा पाई और न ही तैनाती से संबंधित कोई सही जानकारी दे सकी.
पुलिस की पूछताछ के दौरान सामने आईं ये चौंकाने वाली बातें
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के बाद इस संदिग्ध युवती को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. एयरपोर्ट पुलिस की पूछताछ में पता चला कि इस युवती का नाम अंजली ओझा है. वह सीआईएसएफ में नहीं, बल्कि दिल्ली के खानपुर इलाके में स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत है. वह किसी अपने को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पर आई थी. युवती के इस खुलासे के बाद एयरपोर्ट पुलिस ने आईपीसी की धारा 171 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है.