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‘अगर कोई दरवाजे पर अभद्र…’ चीन से सीमा विवाद पर जयशंकर बोले- मौजूदा हालात चीन के हित में नहीं

पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बीच भारत को अपने पड़ोसी चीन के साथ बाकी मुद्दों के समाधान की ‘उम्मीद’ है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू में जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच सामान्य द्विपक्षीय संबंधों की वापसी सीमा पर शांति पर निर्भर करती है. इन ‘शेष मुद्दों’ के बारे में विस्तार से बताते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ये ‘गश्त के अधिकार’ और ‘गश्त की क्षमता’ से जुड़े हुए हैं. गौरतलब है कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूजवीक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत और चीन के बीच स्थिर संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे इलाके और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है.

हालांकि एस जयशंकर ने कबूल किया कि भारत के अपने पूर्वी पड़ोसी के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग हो गई है. जयशंकर ने कहा कि ‘इसलिए पीएम मोदी उम्मीद जता रहे थे कि चीनी पक्ष को यह एहसास होना चाहिए कि मौजूदा हालात उसके हित में नहीं है.’ कूटनीति को ‘धैर्य का काम’ बताते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ मुद्दों पर चर्चा करता रहा है. उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं कहूंगा कि अगर रिश्ते को सामान्य बनाना है तो हमें उन मुद्दों को हल करने की जरूरत है.’ विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘आखिरकार, अगर कोई आपके सामने वाले दरवाजे पर अभद्र तरीके से आता है, तो आप वहां जाकर ऐसे व्यवहार नहीं करेंगे जैसे कि सब कुछ सामान्य है. मेरे लिए यह एक सीधा प्रस्ताव है.’

गौरतलब है कि दोनों पक्षों के कई तनाव के मुद्दों के हटने के बावजूद दोनों देशों की सेनाएं मई 2020 से सीमा गतिरोध में शामिल हैं. सीमा विवाद का पूरी तरह समाधान अभी भी बहुत दूर है. विशेष रूप से दोनों देशों की सेनाओं के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध खराब हो गए थे.