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टेकऑफ में हो जाती 10 सेकेंड की देरी, तो भयावह होता रनवे का नजारा, प्‍लेन के इमरजेंसी ब्रेक भी न आते काम!

मुंबई एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर में मौजूद सभी एयरपोर्ट कर्मियों की सांसे उस वक्‍त हलक में अटक गई जब 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रहे दो प्‍लेन एक साथ एक ही रनवे पर आ गए. महज चंद सेकेंडे के अंतराल से एयर इंडिया का प्‍लेन टेकऑफ हो गया और मुंबई एयरपोर्ट पर एक बड़ा हासदा टल गया. यदि एयर इंडिया के प्‍लेन का टेकऑफ सिर्फ 10 सेकेंड के लिए डिले हो गया होता, तो मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर स्थिति बेहद भयावह हो चुकी होती.

ऐसे स्थिति में, जहन में पहला सवाल यही आता है कि कार या दूसरे वाहनों की तरफ क्‍या प्‍लेन में भी कोई इमरजेंसी ब्रेक जैसा कोई सिस्‍टम होता है? क्‍या इस इमरजेंसी ब्रेक सिस्‍टम के जरिए रनवे पर लैंड होने वाले इं‍डिगो एयरलाइंस के प्‍लेन को रोका जा सकता था? तो चलिए आपको बताते है कि किसी भी प्‍लेन में कैसा होता है उसका ब्रेकिंग सिस्‍टम और 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से रनवे पर लैंड करने वाले प्‍लेन की स्‍पीड को महज चंद सेकेंड के भीतर किस तरह कंट्रोल किया जाता है.

हालात सामान्‍य होने के बाद लॉस रोडियास एयरपोर्ट पर फंसे विमान को ग्रैन कैनरिया एयरपोर्ट आने की इजाजत दे दी गई. जिसके बाद, एक-एक कर लॉस रोडियास एयरपोर्ट से विमानों का टेकऑफ शुरू हो गया. इस दौरान, लॉस रोडियास एयरपोर्ट से टेकऑफ कर रहे विमानों को दो तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा था. पहली चुनौती छोटे रनवे की थी, जिसके चलते विमानों को पहले रनवे के एक छोर से दूसरे छोर तक जाना होता था और फिर वहां पर 180 डिग्री टर्न लेकर टेकऑफ के लिए स्‍पीड लेनी होती थी.

वहीं, दूसरी चुनौती मौसम की थी. लॉस रोडियास एयरपोर्ट पर घना कोहरा होने की वजह से रनवे के एक छोर पर मौजूद विमान के पायलट को रनवे का दूसरा छोर नजर नई आ रहा था. इन्‍हीं दोनों चुनौतियों के साथ पहले केएलएम एयरलांइस का बोइंग-747 रनवे के दूसरे छोर तक पहुंच गया और 180 डिग्री टर्न कर टेकऑफ के लिए तैयार हो गया. इसी बीच, एटीसी से संवाद में हुए कंफ्यूजन के चलते पैन एम-747 का पायलट भी अपना विमान लेकर रनवे पर पहुंच गया और टैक्‍सी करते हुए रनवे के दूसरे छोर पर जाने लगा.