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इजरायल ने हवा-पानी और जमीन से गाजा पर बरसाए इतने बम, हर जगह हो गया धुआं धुआं, सेफ जोन को भी नहीं छोड़ा

हमास के ख‍िलाफ जंग में इजरायल ने आख‍िरी प्रहार किया है. इजरायली सेना ने गाजा के सबसे सुरक्ष‍ित ठ‍िकाना माने जा रहे अल-मवासी पर हमले क‍िए हैं. एक साथ जमीन, समुद्र और हवा से बमबारी की है. सेना का मानना है क‍ि यह आतंक‍ियों की सुरक्ष‍ित पनाहगाह है. यहां पर बहुत सारे हमास आतंकी आकर छिपे हुए हैं. अल मवासी दक्ष‍िणी गाजा की एक ऐसी जगह है जहां 17 लाख से ज्‍यादा विस्थापित हुए लोग रह रहे हैं. युद्ध में इसे सबसे सुरक्ष‍ित जगह माना जा रहा था. हालांकि, कुछ ही देर बाद इजरायल ने बयान जारी कर कहा क‍ि उसने अल मवासी पर कोई हमला नहीं किया है.

सीएनन की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी WAFA ने बतायाक क‍ि इजरायली सेना ने इस तटीय शहर पर भारी मशीनगनों से गोलीबारी की है. इजरायल की नौसेना ने समुद्र से बम गोले बरसाए. और वायुसेना ने एयर स्‍ट्राइक की है. माना जा रहा है क‍ि इसमें तमाम लोगों की मौत हुई होगी. क्‍योंक‍ि इस छोटी सी जगह पर भारी संख्‍या में लोग रह रहे हैं. इजरायल ने हमला ऐसे वक्‍त पर क‍िया है, जब युद्ध विराम को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र में बातचीत चल रही है और मामला अधर में लटकता हुआ नजर आ रहा है. रफाह में स्थित रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ने कहा कि उसे इजरायली अधिकारियों से सूचना मिली है कि पश्चिमी रफाह में लड़ाई तेज हो गई है. यह देखकर वहां से लोग भाग रहे हैं. कई लोगों को अपना सामान पैक कर निकलते हुए देखा गया है.

अल मवासी आख‍िर है क्‍या
मई की शुरुआत में इजरायली फोर्स ने पूर्वी रफाह से लोगों को तुरंत अल मवासी जाने का आदेश दिया था. तब से माना जा रहा था क‍ि यह सुरक्ष‍ित क्षेत्र है. शायद कभी इजरायल इस पर हमला न करे. इसके बाद बहुत सारे फ‍िल‍िस्‍तीनी लोग इस ओर भाग गए. वहां जाकर रहने लगे. पूरा अल मवासी विस्‍थाप‍ितों के श‍िव‍िर से भरा हुआ है. कहा जा रहा क‍ि 17 लाख से ज्‍यादा लोग पलायन कर यहां आ गए हैं. यह गजा में रहने वाली कुल आबादी का दो त‍िहाई है. यह पूरा इलाका 27 वर्ग मील में फैला हुआ है.
युद्ध विराम समझौता अब तक नहीं
उधर, अमेर‍िका की लाख कोश‍िशों के बावजूद इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता अब तक नहीं हो पाया है. क्‍योंक‍ि दोनों पक्ष इसे स्‍वीकार करने के ल‍िए तैयार नहीं हैं. हमास ने कहा, हमारे लोगों की मांग न्‍यायोचित है और उसे समझौते में शामिल नहीं किया गया है. इसके ल‍िए और बातचीत की जरूरत है. अमेर‍िकी विदेश मंत्री एंटनी ब्‍ल‍िंंकन ने एक दिन पहले कहा था क‍ि शायद हमास युद्ध विराम पर आगे नहीं बढ़ना चाहता. उसकी मंशा नजर नहीं आती. उसने समझौते में कई बदलाावों की मांग की है, जो उसके पहले के रुख से अलग है.