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लोकसभा स्पीकर चुनाव पर ‘इंडिया’ को TMC ने दिया बड़ा झटका

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ होगा. लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान बुधवार को होगा. बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए.

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि लोकसभा स्पीकर के लिए के. सुरेश की उम्मीदवारी को लेकर उनकी पार्टी से कोई संपर्क नहीं किया गया. बनर्जी ने कहा कि दुर्भाग्य से ये एकतरफा फैसला है. हालांकि, पार्टी की ओर कहा गया है कि विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देना है या नहीं? इस पर अंतिम फैसला पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करेंगी. अभिषेक बनर्जी के बयान को लेकर जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो वे ‘जय संविधान’ बोलकर आगे बढ़ गए.

पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है. यदि वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे. जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बिरला का नाम राजग के सभी दलों ने सर्वसम्मति से तय किया और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह भी समर्थन हासिल करने के लिए विपक्ष के पास पहुंचे.

बिरला लगातार तीसरी बार कोटा से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं
बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. वह राजस्थान के कोटा से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर सदस्य निर्वाचित हुए हैं. विपक्ष पर निशाना साधते हुए ललन सिंह ने कहा कि वे लोकसभा उपाध्यक्ष के पद पर तुरंत फैसला चाहते हैं, जबकि राजनाथ सिंह ने अनुरोध किया था कि चयन का समय आने पर सभी को एक साथ बैठना चाहिए और इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार के नाम पर सर्व सम्मति होती तो बेहतर होता. उन्होंने इस संबंध में शर्तें रखने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शर्तों पर नहीं चलाया जा सकता.

सहमति नहीं बनने के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस नेता सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता एन के प्रेमचंद्रन ने बताया कि सुरेश ने नामांकन दाखिल किया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टी आर बालू लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई.