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बजट वाले दिन 3 ऐलान पर रखें नजर, ये तय करेंगे बाजार का भविष्य, सरकार ने सुनी तो 25000 के पार

हर अहम इकोनॉमिक इवेंट से पहले शेयर बाजार में बेचैनी बढ़ने लगती है. खासकर, बात जब बजट की हो तो निवेशक और ज्यादा सतर्क हो जाते हैं. 23 जुलाई को संसद में आम बजट पेश होगा. इससे पहले शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है. हालांकि मार्केट में मजबूती बनी हुई है लेकिन ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली भी हावी है. बजट में 3 अहम बातों पर बाजार की नजर रहने वाली है. अगर ऐलान मार्केट के पक्ष में होते हैं तो यह पॉजिटिव होगा लेकिन यदि ये फैसले बाजार के फेवर में नहीं रहते हैं तो मार्केट में गिरावट देखने को मिल सकती है. आज फिर बाजार रिकॉर्ड हाई लगाकर ऊपरी स्तरों से गिर गया है. आज, इस सप्ताह का आखिरी कारोबारी सत्र है फिर सोमवार को बाजार खुलेंगे और मंगलवार को बजट पेश होगा. ऐसे में मार्केट में अस्थिरता देखने को मिल सकती है.

सवाल है कि आखिर वो कौन-से 3 ऐलान हैं जिनकी नजर बाजार पर रहने वाली है. कॉरपोरेट जगत और बड़े निवेशक, सरकार से इन मुद्दों पर सकारात्मक रुख की उम्मीद कर रहे हैं. आइये आपको बताते हैं आखिर ये 3 अहम मुद्दे क्या हैं.

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एलारा सिक्योरिटीज ने अपने नोट में कहा, फिस्कल डेफिसिट, हायर केपेक्स अलॉकेशन और डिमांड को बढ़ावा देना, बजट में बाजार से जुड़े अहम 3 ऐलान होंगे.

फिस्कल कंसोलिडेशन

बाजार, विकास और राजकोषीय अनुशासन को संतुलित करने की सरकार की क्षमता को देखने चाहता है. क्योंकि, राजकोषीय घाटा एफपीआई और ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों द्वारा किसी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक प्रमुख मैट्रिक्स है. ऐसे में लक्ष्य से कम राजकोषीय घाटे पर सरकार का कोई भी गाइडेंस बाजार के लिए सकारात्मक हो सकता है. वहीं, एलारा ने अपने नोट में कहा कि आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है. ऐसे में ऑटो, बैंक, आईटी और फार्मा सेक्टर्स को बड़ा फायदा हो सकता है.

ग्रामीण डिमांड को बढ़ावा

एलारा ने अपने नोट में कहा कि भारत की महामारी के बाद की रिकवरी असमान रही है. शहरी क्षेत्रों में डिमांड अच्छे से बढ़ी जबकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पिछड़ गई है, खासकर कोविड -19 की दूसरी लहर के बाद. इस वजह से शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में मांग कम रही है. ऐसे में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आय, वेतन और खपत को बढ़ाने के उपायों पर बजट में अहम ऐलान करने होंगे. इससे रिटेल सेक्टर, खासकर एफएमसीजी कंपनियों को फायदा मिलेगा और उनकी बिक्री बढ़ेगी.