अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और अच्छा रिटर्न कमाते हैं तो आप पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है. बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने LTCG और STCG टैक्स की दर बढ़ा दी है. ऐसे में शेयर बाजार से होने वाली आपकी कमाई पर अब आपको ज्यादा टैक्स देना होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) से जुड़े नियम और टैक्स की दरें अलग-अलग है. बजट में एलटीसीजी और एसटीसीजी टैक्स की दरों में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. सामान्य निवेशक को यह समझना जरूरी है कि आखिर शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर LTCG और STCG टैक्स कैसे लगेगा?
क्या होता है LTCG और STCG टैक्स
एसटीसीजी टैक्स, उस स्थिति में लगता है जब आप कोई शेयर खरीदकर उसे प्रॉफिट में 12 महीने से पहले बेच देते हैं. वहीं, एलटीसीजी में यह अवधि 12 महीने से ज्यादा होती है. अगर आप कोई शेयर या एसेट खरीदकर उसे एक साल के बाद बेचते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है. आइये आपको बताते हैं कि एसटीसीजी से किस तरह से शेयर बाजार की आपकी कमाई प्रभावित होगी.
अब कैसे कैलकुलेट होगा टैक्स
STCG की दरें | LTCG की दरें | |||
पूर्व में टैक्स रेट 15% | टैक्स की नई दर 20% | पूर्व में टैक्स रेट 10% | टैक्स की नई दर 12.5% | |
शेयर का खरीद भाव | 100000 | 100000 | 100000 | 100000 |
शेयर का सेलिंग प्राइस | 150000 | 150000 | 175000 | 175000 |
बिक्री पर मुनाफा | 50000 | 50000 | 75000 | 75000 |
टैक्स की देनदारी | 7500 | 10000 | 7500 | 9380 |
बाजार और निवेशक नाराज
NIRC of ICAI के पूर्व चेयरमैन, गौरव गर्ग ने कहा, “सरकार ने इनकम टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत दी. लेकिन, LTCG और STCG टैक्स की दरें बढ़ाकर निराश कर दिया. ” उन्होंने कहा कि सरकार ने एक हाथ से दिया तो दूसरे हाथ से ले लिया. शेयर बाजार के नजरिए से एसटीसीजी को 20% और एलटीसीजी को 12.5% तक बढ़ाना एक बड़ा झटका है.