देश

मिनिमम पेमेंट घटाकर भी फायदे में बैंक, हो गया आपकी जेब से पैसा निकालने का ‘तगड़ा प्रबंध’

1 अगस्त 2024 से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के एक नियम में बदलाव हो रहा है. यह बैंक अपने क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए न्यूनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) को 5% से घटाकर 2% करने जा रहा है. एक्सिस बैंक पिछले साल नवम्बर महीने में ही ऐसा कर चुका है. मतलब ये कि यदि आपने एक बिलिंग सर्किल में 10,000 रुपये खर्च किए तो आप केवल 2% (200 रुपये) चुकाकर भी काम चला सकते हैं. बाकी का बिल आप अगले महीने या उससे अगले महीने के लिए टाल सकते हैं. पहले आपको मिनिमम 5% (500 रुपये) चुकाने होते थे. पहली बार सुनने में यह खबर आपको अच्छी लग रही होगी, मगर गहराई से समझेंगे तो पाएंगे कि यह फायदे का नहीं, बल्कि घाटे का सौदा है.

आप पूछ सकते हैं कि घाटे का सौदा कैसे? बल्कि अब तो कम भुगतान करके भी काम चल जाएगा. तो बता दें कि कम भुगतान करके ही आपका घाटा शुरू होता है. क्योंकि केवल मिनिमम अमाउंट का भुगतान करके आप अपने कर्जे (लोन) को भविष्य के लिए टाल तो रहे हैं, मगर इसके लिए आपको लगभग 40% सालाना का ब्याज देना होगा. महीने का 3-4 प्रतिशत.

हमारी सहयोगी वेबसाइट मनीकंट्रोल ने इस बाबत विस्तार से एक लेख छापा है. उसी लेख में कुछ कैलकुलेशन्स भी दी गई हैं, जिसे हम नीचे आपके साथ शेयर कर रहे हैं. लेकिन उससे पहले आपके लिए न्यूनतम देय राशि के बारे में जानना जरूरी है. न्यूनतम देय राशि क्रेडिट कार्ड बिल का वह छोटा-सा हिस्सा है, जो आमतौर पर 2 से 5 प्रतिशत के बीच होती है. हालांकि अलग-अलग बैंकों के लिए यह अलग हो सकती है. न्यूनतम राशि का भुगतान करके कार्डधारक लेट पेमेंट चार्ज से बच सकते हैं और कार्ड का उपयोग आगे भी जारी रख सकते हैं.

वर्तमान न्यूनतम देय राशि की कैलकुलेशन:
न्यूनतम देय राशि = ख़रीदारी और नकद निकासी का 5% + ब्याज और वित्तीय शुल्क, सभी चार्ज, ईएमआई, और करों का 100%.
नई कैलकुलेशन के हिसाब से:
न्यूनतम देय राशि = ख़रीदारी और नकद निकासी का 2% + ब्याज और वित्तीय शुल्क, सभी शुल्क, ईएमआई, और करों का 100%.

मान लीजिए, आपने अपने कार्ड से 1,00,000 रुपये की शॉपिंग की है, जिसमें कैश विद्ड्रॉल समेत तमाम ट्रांजेक्शन शामिल हैं. पहले आप 5% अर्थात केवल 5,000 रुपये देकर कार्ड का यूज करना जारी रख सकते थे. लेकिन अब आप केवल 2,000 रुपये का भुगतान करके भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जारी रख सकेंगे. मतलब ये कि, अब आपको 95,000 की बजाय 98,000 रुपये पर ब्याज देना होगा. डिजिटल लेंडिंग कंसल्टेंट पारिजात गर्ग कहते हैं, “क्रेडिट कार्ड यूजर अब 5,000 रुपये के बजाय केवल 2,000 रुपये का भुगतान करके लेट पेमेंट चार्ज से बच सकते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर पर होने वाले नेगेटिव इम्पेक्ट को कम कर सकते हैं.” हालांकि, यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि यूजर को अब अधिक पैसे पर ब्याज देना होगा.

न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के नुक्सान क्या हैं?
1. आपके (क्रेडिट कार्ड यूजर) कर्ज का बोझ बढ़ जाता है.
2. कार्ड यूजर को उस राशि पर ब्याज देना पड़ता है, जिसका भुगतान नहीं हुआ है.
3. बैंक प्रति वर्ष लगभग 40 प्रतिशत तक का मोटा ब्याज वसूल करते हैं. उदाहरण के लिए 98,000 पर महीने का लगभग 3,920 रुपये बतौर ब्याज चुकाना होगा.

कर्ज का ट्रैप
केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने से ग्राहक क्रेडिट कार्ड के कर्ज में फंस सकते हैं. टेक्नोफिनो के संस्थापक सुमंत मंडल कहते हैं, “ग्राहकों को इस कम की गई न्यूनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू अमाउंट) पर ध्यान नहीं देना चाहिए और हमेशा अपना पूरा बिल चुकाना चाहिए.”

एक्सिस बैंक की कैलकुलेश के अनुसार, अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड पर 5,000 रुपये खर्च करते हैं और हर महीने केवल न्यूनतम देय राशि (कम से कम 100 रुपये) का भुगतान करते हैं, तो आपको पूरी राशि चुकाने में लगभग 7 साल लगेंगे. इसलिए केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करना या पूरी बकाया राशि से कम का भुगतान करना बहुत महंगा हो सकता है. मंडल सलाह देते हैं कि जब भी आपके पास पैसे हों… तो पूरी बकाया राशि या न्यूनतम देय राशि से अधिक का भुगतान करें.

क्रेडिट कार्ड का समझदारी से उपयोग कैसे करें?
1. जरूरत की चीजों के लिए इस्तेमाल करें.
2. पूरी राशि का भुगतान करें.
3. समय पर भुगतान करें.
4. कार्ड लेने से पहले सभी चार्जेज की जानकारी लें.