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टी+0 सेटलमेंट सिस्‍टम होगा अनिवार्य, सेबी चीफ माधवी पुरी ने कही बड़ी बात

बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने कहा है कि शेयर खरीद-बिक्री के टी+0 सेटलमेंट सिस्‍टम को अनिवार्य बनाने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है. सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) इस मामले पर सेबी का पक्ष रखते हुए कहा कि सेबी बोर्ड ने चुनिंदा शेयर ब्रोकरों के लिए द्वितीयक बाजार में अपने ग्राहकों को अनिवार्य रूप से एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) सुविधा उपलब्‍ध कराने की संभावना पर जरूर विचार किया है. माधवी पुरी बुच ने कहा कि इस तरह की सुविधा शुरू होने के बाद, यह ब्रोकरों पर निर्भर करेगा कि वे इसे अपनाते हैं या नहीं.

T+0 सेटलमेंट का मतलब है कि आपके शेयर खरीदने या बेचने का पूरा प्रोसेस उसी दिन पूरा हो जाना. आपने जिस दिन शेयर खरीदे, उसी दिन शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. इसी तरह, आपने जिस दिन शेयर बेचे, आपको उसी दिन पेमेंट मिल जाएगा. वहीं, ASBA एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा खुदरा निवेशक आईपीओ या एफपीओ में निवेश हेतु आवेदन के लिए, शेयर आवंटित किये जाने तक अपने बचत खाते में संबंधित राशि को ब्लॉक करते हैं. यदि आपको शेयर आवंटित किये जाते हैं तो इस राशि को आपके बैंक खाते से काट लिया जाता है अन्यथा इसे आवंटन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अनब्लॉक कर दिया जाता है

ASBA हो सकता है अनिवार्य
एएसबीए प्राथमिक बाजार में अधिक लोकप्रिय है, जहां आईपीओ आवेदन राशि आवेदक के बैंक खाते में अवरुद्ध होती है. इस साल की शुरुआत में, सेबी ने द्वितीयक बाजार (Secondary Market) में व्यापार के लिए इसी तरह की सुविधा शुरू की थी. वर्तमान में, द्वितीयक बाजार में एएसबीए ब्रोकरों के लिए ASBA स्वैच्छिक है. सेबी ने अब कहा है कि द्वितीयक बाजार के लिए स्वैच्छिक आधार पर ASBA निपटान प्रणाली शुरू किए हुए कुछ समय हो गया है और यह ठीक काम कर रहा है. नियामक ने संकेत दिया कि अब समय आ गया है कि इस सुविधा को चुनिंदा ब्रोकरों के लिए अनिवार्य कर दिया जाए.