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चीनी कर्ज के जाल में फंसा है बांग्लादेश, संकट पैदा होते ही ड्रैगन की चिंता बढ़ी, वसूली के लिए बनाया प्लान

बांग्लादेश में पैदा राजनीतिक संकट की वजह से चीन को आर्थिक चपत लग सकती है. इस वक्त पड़ोसी देश पर परोक्ष तौर पर सेना का कब्जा है. हालांकि सेना की पहल पर वहां अंतरिम सरकार बन गई है. लेकिन, दावे के साथ अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि इस देश की राजनीति किस करवट बैठेगी. इस बीच पूर्व पीएम बेगम खालिदा जिया रिहा हो गई हैं. उन्हें पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार ने कथित भ्रष्टाचार के आरोप में लंबे समय से नजरबंद कर रखा था.

अब चीन के सामने परेशानी पैदा हो सकती है. दरअलस, चीन ने बांग्लादेश को बड़ी मात्रा में कर्ज दे रखा है. मौजूदा हालातों के चलते चीन को कर्ज वसूली में दिक्कत हो सकती है. पूर्व पीएम शेख हसीना से चीन के अच्छे रिश्ते रहे थे. शेख हसीना अपने पूरे कार्यकाल में भारत और चीन के बीच एक तरह से संतुलन की कोशिश करती रही हैं. ऐसे में उनके कार्यकाल में चीन ने भी बांग्लादेश को ठीकठाक कर्ज दिया और विकास कार्यों में निवेश किया. ऐसी उम्मीद जताई जा रही हैं कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर खालिदा जिया का प्रभाव बढ़ेगा. उनकी पार्टी बीएनपी इस वक्त काफी प्रभावशाली है. बांग्लादेश में हुए विरोध प्रदर्शनों ने इस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है.

खालिदा जिया के साथ चीन के अच्छे संबंध
हालांकि चीन के खालिदा जिया के साथ भी अच्छे संबंध हैं. वर्ष 2016 में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बांग्लादेश के दौरे पर आए थे तो उन्होंने खालिदा जिया के साथ भी मुलाकात की थी. रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के ऊपर 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी कर्ज है. उसे चीनी कर्ज को चुकता करने के लिए हर साल 125 मिलियन डॉलर देना होता है. चीन बांग्लादेश को सबसे ज्यादा कर्ज देने वाला देश है और साल 2023 के अंत तक बांग्लादेश पर पांच बिलियन अमेरिकी डॉलर का चीनी कर्ज था.

जुलाई में चीन गई थीं शेख हसीना
बीते माह जुलाई में शेख हसीना चार दिन के चीन दौरे पर गई थीं. उन्होंने चीन से अतिरिक्त पांच बिलियन डॉलर कर्ज की मांग की थी. हालांकि, चीन ने महज 140 मिलियन डॉलर देने का ऑफर दिया था. सूत्रों के मुताबिक साथ ही शेख हसीना, शी जिनपिंग के साथ एक बड़ी मीटिंग भी चाहती थीं. वो भी नहीं हो सकी. लेहाजा वो अपना दौरा बीच में छोड़कर ढाका वापस लौट आई थीं. रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कुल 165 छोटे और जरूरतमंद देशों को 20 हजार प्रोजेक्ट्स के लिए 1.34 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज दिया हुआ है.