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सावधान! आपकी गाड़ी के नंबर प्‍लेट पर टिकी हैं लाखों निगाहें, चूके तो वाट्सऐप पर आएगा बुरा संदेश

दिल्‍लीवाले अपना दिल जरा मजबूत कर लें, क्‍योंकि अब रेड लाइट पर की या ओवर स्‍पीड में गाड़ी चलाई तो लाखों निगाहों से बच नहीं सकेंगे. दिल्‍ली के डीसीपी (ट्रैफिक) एसके सिंह ने इस बारे में उप राज्‍यपाल को रिपोर्ट सौंपी तो उन्‍होंने बड़े बदलाव की बात कही है. दिल्‍ली के एलजी ने ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया है कि चालान काटने और उसे लोगों तक पहुंचाने की प्रक्रिया को और सरल व प्रभावी बनाया जाए.

एलजी ने कहा है कि दिल्‍ली में ट्रैफिक पर निगाह रखने के लिए कैमरे तो लगा दिए गए, जो किसी भी गलती पर चालान काट देते हैं. लेकिन, असल समस्‍या यह है कि चालान काटने के बाद संबंधित वाहन चालक तक पहुंचता नहीं है. इससे चालान भरने के लाखों मामले पेंडिंग हो जाते हैं. दिल्‍ली की ट्रैफिक लोक अदालतों में ऐसे लाखों केस पड़े हैं और लोगों से चालान की वसूली नहीं हो पाती है. इस प्रक्रिया को और तेजी से निपटाने की तैयारी की जा रही है

वाट्सऐप का होगा अहम रोल
उप राज्‍यपाल ने कहा कि चालान काटने के बाद उसकी सूचना तत्‍काल लोगों तक पहुंचाने का तंत्र विकसित किया जाए. इसके लिए वाट्सऐप की मदद लीजिए और ट्रैफिक कैमरों से जुड़े सिस्‍टम के साथ वाट्सऐप की सुविधा भी जोड़ी जानी चाहिए. इससे लोगों को तत्‍काल चालान काटने का संदेश मिल सकेगा. अभी आलम यह है कि बड़ी संख्‍या में लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनकी गाड़ी का चालान काटा गया है.

अभी एसएमएस से मिलती है जानकारी
दिल्‍ली के डीसीपी (ट्रैफिक) एसके सिंह ने कहा कि चालान का भुगतान करना और आसान बनाया जाएगा. इसके लिए हम गाड़ी के रजिस्‍ट्रेशन के साथ दिए फोन नंबरों का इस्‍तेमाल करेंगे. अभी ऑटोमेटिक तरीके से काटा गया चालान भी एसएमएस के जरिये ही भेजा जाता है. लेकिन, ज्‍यादातर लोग अपना एसएमएस नहीं चेक करते और उन्‍हें चालान की जानकारी भी देरी से होती है. लिहाजा अब हम वाट्सऐप पर इसकी जानकारी भेजेंगे.

और तेज होंगी दिल्‍ली की आंखें
उप राज्‍यपाल ने कहा है कि सबसे ज्‍यादा परेशानी अवैध तरीके से हो रही पार्किंग की वजह से है. खासकर बसों की पार्किंग रोड के किनारे और फ्लाईओवर पर भी कर दी जाती है. इस समस्‍या से निपटने के लिए एआई बेस्‍ड ऑटोमेटिक कैमरे लगाए जाएंगे, जो आपकी गाड़ी के नंबर को ज्‍यादा स्‍पष्‍टता से पढ़ सकेंगे और तत्‍काल चालान भी काट सकेंगे. उन्‍होंने पार्किंग और पॉल्‍यूशन सर्टिफिकेट को लेकर ज्‍यादा प्रभावी सिस्‍टम बनाने का भी निर्देश दिया.