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पहले जमीन और अब शहर पर कब्जा; यूक्रेन ने रूस की धरती पर खोला मिलिट्री ऑफिस, पुतिन की जेब पर भी चलाई कैंची

यूक्रेन और रूस के बीच जंग अब खतरनाक मोड़ ले रही है. यूक्रेन अब रूस पर भारी पड़ता दिख रहा है. यूक्रेन न केवल रूस में घुस चुका है, बल्कि पुतिन की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है. उसने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सुद्जा शहर पर कब्जा जमाया है. खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसकी पुष्टि की है. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने रूस के सुद्जा शहर पर कब्जा कर लिया है. बता दें कि पिछले सप्ताह ही यूक्रेन ने रूस पर ताबड़तोड़ हमले किए थे और कुर्स्क क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए थे. यूक्रेनी आर्मी की धमक सुन अब रूसी लोग अपना घर छोड़कर भागने लगे हैं. यूक्रेन के इस पलटवार ने व्लादिमीर पुतिन की टेंशन बढ़ा दी है.

दरअसल, कीव यानी यूक्रेन की सेना पिछले बुधवार से कुर्स्क शहर से 105 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित सुद्जा शहर में है. मगर यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि उनकी सेना ने इस शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. यूक्रेनी सैन्य प्रमुख ऑलेक्जेंडर सिर्स्की के मुताबिक, यूक्रेनी सैनिक रूस की जमीन पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं. हमले की शुरुआत से लेकर अब तक यूक्रेनी सेना रूस में 35 किलोमीटर (21.7 मील) तक घुस चुकी है. बस्तियों पर कब्जा कर लिया है.

रूसी शहर में यूक्रेन का मिलिट्री ऑफिस
यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूसी शहर सुद्जा में अपना मिलिट्री ऑफिस भी खोल लिया है. यूक्रेनी आर्मी चीफ सिर्स्की ने कहा कि सुद्जा में एक सैन्य कमांडेंट का ऑफिस बनाया गया है. इसका मकसद कानून व्यवस्था बनाए रखना और नियंत्रित क्षेत्रों में आबादी की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करना है. यहां दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन ने जिस रूसी शहर पर कब्जा किया है, वह रूस के लिए काफी अहम है. यूं कहें कि रूस के लिए यह शहर पैसे का सबसे बड़ा जरिया है.

पुतिन की जेब पर यूक्रेन की कैंची
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने जान-बूझकर सुद्जा को अपने कब्जे में किया है. यूक्रेन इस शहर के बहाने रूस की कमर तोड़ना चाहता है. सुद्जा रूस के एक गैस टर्मिनल के बगल में स्थित शहर है. यह शहर यूक्रेन के रास्ते रूस से यूरोप को गैस की आपूर्ति करने वाला प्रमुख केंद्र है. जी हां, इसी शहर से रूस पूरे यूरोप को गैस बेचता है. इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि जेलेंस्की का एक लक्ष्य मॉस्को के लिए धन के एक बड़े स्रोत को खत्म करना हो सकता है.

यूक्रेन के आगे पस्त दिख रहा रूस
दरअसल, पिछले सप्ताह ही यूक्रेन ने रूस में जमीनी अटैक शुरू किया था. यूक्रेन के इस जमीनी घुसपैठ ने हजारों रूसियों को अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया है. यूक्रेन ने एक तरह से रूस को बैकफुट पर ला दिया है, क्योंकि पुतिन को वह रास्ता नहीं मिल रहा है, जिससे यूक्रेन के सैनिकों को पीछे धकेला जा सके. इससे पहले बुधवार को यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के चार हवाई क्षेत्रों को निशाना बनाया, जो यूक्रेन की ओर से जंग में सबसे बड़ा हमला है. हालांकि, रूस ने इस अटैक को विफल करने का दावा किया है.

सेकेंड वर्ल्ड वार के बाद पहली बार
यहां खास बात यह है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार है, जब रूस की धरती पर विदेशी सैनिकों ने कब्जा किया है. यह रूस के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है कि यूक्रेन ने करीब 1150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया है. दावा यह भी किया जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन के अहम युद्धक्षेत्रों और रूसी कब्जे वाले क्रीमिया से अपने रिजर्व सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है. यूक्रेनी सेना की मानें तो ऐसा यूक्रेन की बढ़त को रोकने के लिए किया गया है.