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हिंडनबर्ग ने पकड़ी अब इस कंपनी की गर्दन, लगाई शॉर्ट पोजिशन, भरभरा कर गिरे शेयर

हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक नई रिपोर्ट जारी की है. इस बार एक आईटी फर्म को निशाना बनाया गया है. यह कंपनी सिलिकॉन वैली स्थित सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक है. हिंडनबर्ग ने इस पर अकाउंटिंग में कथित हेरफेर की आरोप लगाया है. नैस्डैक पर सूचीबद्ध इस कंपनी के शेयरों में 27 अगस्त को प्री-मार्केट ट्रेड में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट आई.

हिंडनबर्ग का दावा है कि उनकी रिपोर्ट तीन महीने की जांच पर आधारित है. रिपोर्ट में अकाउंटिंग हेरफेर, अन-डिजक्लोज्ड लेनदेन के सबूत, प्रतिबंध और एक्सपोर्ट कंट्रोल में विफलता, और कस्टमर्स की समस्ताओं की बात कही गई है.

अकाउंटिंग में गड़बड़ी
हिंडनबर्ग ने कहा है कि कंपनी को 2018 में वित्तीय विवरण दाखिल करने में विफल रहने के कारण नैस्डैक से अस्थायी रूप से हटा दिया गया था. बाद में SEC ने “बड़े स्तर पर अकाउंटिंग में गड़बड़ी” का आरोप कंपनी पर लगाया था. इस गड़बड़ी का संबंध 20 करोड़ डॉलर से अधिक का अनुचित रूप से मान्यता प्राप्त रेवेन्यू और कम करके बताए गए खर्चों से था. इसकी वजह से कंपनी की बिक्री, आय और प्रॉफिट मार्जिन में वृद्धि हुई. हिंडनबर्ग के रिसर्च नोट में मुकदमेबाजी के रिकॉर्ड और पूर्व कर्मचारियों के साथ साक्षात्कार का हवाला देते हुए यह सुझाव दिया गया है कि कंपनी ने $17.5 मिलियन के SEC समझौते के तीन महीने बाद ही ‘अकाउंटिंग घोटाले में सीधे तौर पर शामिल’ अधिकारियों को फिर से काम पर रखा. हिंडनबर्ग ने सुपर माइक्रो के पूर्व सीएफओ हावर्ड हिदेशिमा को इस घपलेबाजी में शामिल बताया है और कहा है कि इन्हें सुपर माइक्रो से संबंधित एक कंपनी में फिर से काम पर रख लिया गया था.

अन्य आरोप
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अनअकाउंटेड ट्रांजेक्शन, अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए अपनाई गई तरकीब, रूस को हाई-टेक कॉम्पोनेंट बेचने का उल्लेख किया है. यह अमेरिका के निर्यात प्रतिबंधों का साफतौर पर उल्लंघन है. हिंडनबर्ग के अनुसार, एनवीडिया सुपर माइक्रो का एक प्रमुख पार्टनर और चिप सप्लायर है. टेस्ला भी 2023 में अपने सर्वर को विशेष रूप से सुपर माइक्रो से सोर्स कर रहा था. नोट में कहा गया है कि अकाउंटिंग और गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के कारण प्रमुख कंपनियों ने सुपर माइक्रो के साथ या तो व्यापार कम कर दिया है या पूरी तरह खत्म कर दिया है.

 

हिंडनबर्ग की द्वारा शॉर्ट पोजीशन
हिंडनबर्ग ने इस नोट को इस खुलासे के साथ खत्म किया है कि उन्होंने सुपर माइक्रो कंप्यूटर के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन ली है. इसमें कहा गया है, “यह रिपोर्ट हमारी राय है और हम प्रत्येक पाठक को प्रोत्साहित करते हैं कि वह खुद भी इन दावों की जांच कर सकते हैं.” शॉर्ट पोजिशन लेने का मतलब है कि हिंडनबर्ग ने इस कंपनी के शेयरों में गिरावट पर दांव खेला है, ठीक उसी तरह जिस तरह अडानी ग्रुप के शेयरों पर खेला गया था.