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जीडीपी दर में गिरावट का असर, वित्त मंत्री ने सारे मंत्रालयों को दिया सख्त निर्देश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विभिन्न मंत्रालयों द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए तिमाही लक्ष्य तय करने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने साल के बाकी महीनों में खर्च में तेजी लाने पर भी जोर दिया. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) तथा दूरसंचार विभा.ग के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय पर एक समीक्षा बैठक में सीतारमण ने संबंधित मंत्रालयों को कार्यान्वयन में तेजी लाने को कहा

उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में ही जून और सितंबर तिमाही के लक्ष्यों की भरपाई करने पर भी जोर दिया है. आपको बता दें कि हाल ही में एनएसओ ने जून तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी किए थे जिसमें भारत की ग्रोथ रेट पिछली 5 तिमाहियों के निचले स्तर पर आ गई थी. इसका प्रमुख कारण सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर में आई कमी को बताया जा रहा था. जून तिमाही में भारत की जीडीपी दर 6.7 फीसदी रही थी जो खुद आरबीआई के अनुमान से भी कम थी

सीतारमण की अध्यक्षता में कैपिटल एक्सपेंडिचर व्यय वाले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ समीक्षा बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित की गई है. बैठक के दौरान सीतारमण ने तिमाही लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें तय समयसीमा के भीतर हासिल करने के लिए कहा. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय आवंटन वित्त वर्ष 2019-20 में 1.42 लाख करोड़ रुपये से 90 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 2.72 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बाकी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय योजनाओं से अवगत कराया. संचार मंत्रालय के संबंध में समीक्षा के दौरान भारत नेट कार्यक्रम, 4जी मोबाइल परियोजनाओं, स्वदेशी प्रौद्योगिकी, स्पेक्ट्रम के लिए नेटवर्क, और अन्य मोबाइल परियोजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय योजनाओं पर चर्चा की गई. वित्त वर्ष 2024-25 में संचार मंत्रालय के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय बजटीय आवंटन 28,835 करोड़ रुपये है.