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भारतमाला पर चली तलवार….सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर 7 साल बाद क्यों लगा ग्रहण

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारतमाला को खत्म किया जा सकता है. इस परियोजना की रफ्तार धीमी हो गई है और 7 साल बाद इसकी फंडिंग भी सीमित कर दी गई है. न्यूज18 की सहयोगी मनीकंट्रोल को एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि भारतमाला के लिए कैबिनेट से मंजूरी की संभावना नहीं है. न्यूज18 इस खबर की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है.

आपको बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट, रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मिनिस्ट्री की फ्लैगशिप रोड कंस्ट्रक्शन स्कीम है. मनीकंट्रोल की खबर के अनुसार, ऐसा लगता है कि कॉस्ट ज्यादा होने के कारण और मंत्रालयों के बीच सहमति नहीं हो पाने की वजह से इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. रोड, ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मिनिस्ट्री ने जून 2024 में 22 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा था जिसे अनुमति मिलने की उम्मीद बहुत कम है.

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 30,600 किलोमीटर का नेशनल हाईवे बनाया जाना था. यह काम 2031-32 तक पूरा होना था. खबर के अनुसार, भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत कई कैबिनेट नोट तैयार किए गए थे और यह नोट खारिज हो गए थे. 2017 में जब कैबिनेट मामलों की आर्थिक कमिटी ने इसे मंजूरी दी थी तब इसके अंतर्गत 74,942 किलोमीटर के हाईवेज तैयार होने थे. पहले चरण के लिए 34800 करोड़ रुपये को 2022 में मंजूरी मिली थी.

मनीकंट्रोल ने इस संबंध में एनएचएआई को ईमेल भेजा था जिसका जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं प्राप्त हुआ है. गौरतलब है कि दिसंबर 2023 तक 15,549 किलोमीटर सड़क तैयार हुई है.