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राजस्थान बना बारिशस्थान, इंसान और कारें ही नहीं कंटेनर भी माचिस की डिब्बी की तरह बह रहे

राजस्थान में हो रही भारी बारिश के कारण हालात दिन प्रतिदिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. भारी बारिश के कारण अजमेर में बाढ़ जैसे हालात हो रखे हैं. वहां राहत एवं बचाव के लिए सेना की मदद ली जा रही है. बारिश के कारण नदी नालों में उफान इस कदर आ रहा है कि कार और बाइक ही नहीं बल्कि कंटेनर जैसे बड़े तथा भारी भरकम वाहन तक माचिस की डिब्बी की तरह बह रहे हैं. अजमेर में रविवार को डाई नदी की रपट पार करते समय एक कंटेनर बह गया. प्रदेश में कई बांधों के गेट लगातार खुल हुए हैं. भरतपुर के बारैठा बांध से पानी छोड़ने के बाद वहां कई गांव जलमग्न हो गए.

राजस्थान में इस बार पूरे मानसून में लगातार भारी बारिश का दौर चल रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक बैक-टू-बैक बन रहे सिस्टम की वजह से इस बार मूसलाधार बारिश हो रही है. आईएमडी ने आज भी पूर्वी राजस्थान के 12 जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी दे रखी है. जयपुर, दौसा और बूंदी जैसे जिलों में तो औसत से दोगुनी बारिश हो चुकी है. अजमेर में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं. बारिश ने राजस्थान में इस बार 49 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

अजमेर में सेना ने संभाला मोर्चा
अजमेर में भारी बारिश के बाद आना सागर और फॉय सागर ओवरफ्लो चल रही है. वहीं पहाड़ियों से लगातार पानी आ रहा है. फॉय सागर की पाल में शनिवार रात को क्रैक आ जाने से प्रशासन की चिंता और बढ़ गई. अजमेर में उपजे बाढ़ जैसे हालात और लगातार भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार शाम को मोर्चा संभालने के लिए सेना की टुकड़ी को बुलाना पड़ा. भरतपुर के जाने बारैठा बांध से पानी छोड़ने के बाद इलाके में पानी का सैलाब आ गया.

जयपुर में दूसरी बार बाढ़ जैसे हालात बने
करौली के पांचना बांध के गेट बीते एक महीने से लगातार खुले हैं. कोटा, भीलवाड़ा और बूंदी में भी बारिश ने हालात बिगाड़ रखे हैं. जयपुर में शुक्रवार को हुई भारी बारिश से दूसरी बार बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. राजसमंद में दो दिन पहले एक कार बह गई थी. रेस्क्यू टीमों ने बड़ी मुश्किल से कार सवार लोगों की जान बचाई थी. दौसा के सावा में कल एक कार पानी में डूब गई. वहां भी रेस्क्यू ऑपरेशन कर कार सवारों को बचाया गया.

हजारों किलोमीटर सड़कें टूट चुकी हैं
बारिश के कारण पूरे प्रदेश में अब तक दर्जनों पुराने मकान ढह चुके हैं. हजारों किलोमीटर सड़कें टूट चुकी है. सैंकड़ों लोग पानी में बह चुके हैं. खेत खलिहान पानी में डूबे हैं। अरबों रुपये की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. जयपुर में तो अब जर्जर हो चुकी इमारतों को निगम खुद ही ढहाने में लगा है. लगातार बारिश के कारण कभी किसी शहर में तो कभी किसी शहर में आए दिन बाजार बंद रहते हैं. बारिश से जान माल की हानि के साथ कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. अब तो आलम यह हो गया है कि लोग काले बादल देखकर ही डरने लग गए हैं.