देश

तमाम अरमान लेकर पहुंचा एयरपोर्ट, T-3 में दाखिल होते ही हुआ अरेस्‍ट, फिर सामने आया ऐसा सच

दिल्‍ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचने के बाद एक ऐसा सच पता चला, जिसे जानने के लिए बाद उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. इस सच्‍चाई ने उसके उन सभी अरमानों पर पानी फेर दिया था, जिन्‍हें उसने अपने परिवार को एक नई जिंदगी देने के मकसद से देखा था. आईजीआई एयरपोर्ट पर सामने आए इस सच के चलते पहले धनंजय कुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद, इस मामले में दिल्‍ली के न्‍यू फ्रेंड्स कालोनी से नूर आलम नाम के एक शख्‍स की गिरफ्तारी की गई थी.

आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, धनंजय कुमार नामक यह शख्‍स यूएई होते हुए किर्गिज़स्तान जाने के लिए टर्मिनल थ्री पहुंचा था. ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन की जांच के दौरान पता चला कि धनंजय कुमार के पासपोर्ट पर लगा किर्गिज़स्तान का वीजा फर्जी है. इसके बाद, ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने धनंजय कुमार को आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया. आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने ब्‍यूरो ऑफ इमिग्रेशन की शिकायत पर भारतीय न्‍याय संहिता और पासपोर्ट एक्‍ट की विभिन्‍न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर धनंजय कुमार को गिरफ्तार कर‍ लिया था

धनंजय को किर्गिस्‍तान भेजने का दिया था भरोसा
पूछताछ के दौरान, 26 वर्षीय धनंजय कुमार ने पुलिस को बताया कि वह बिहार के गोपालगंज जिले के अंतर्गत आने वाले बगही बाजार का रहने वाला है. बीते कुछ महीनों में उसके कई दोस्‍त रुपए कमाने के इरादे से यूरोपीय देश गए थे. अपने दोस्‍तों की देखा देखी उसने भी विदेश जाने का फैसला कर लिया. इसी बीच, वह मुन्‍ना सिंह नामक एक शख्‍स के जरिए रहमत नामक एजेंट से मिला. रहमत ने उसे दो लाख रुपए के एवज में यूएई के रास्‍ते किर्गिस्‍तान भेजने का आश्‍वासन दे दिया. रुपए मिलने के बाद रहमत ने अपने साथियों की मदद से यूएई और किर्गिस्‍तान के वीजा और टिकट की व्‍यवस्‍था कर धनंजय कुमार को सौंप दिया.

पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हुआ मास्‍टरमाइंड
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि धनंजय कुमार के इस खुलासे के बाद पुलिस ने रहमत उर्फ रहमतुल्‍लाह अंसारी की तलाश शुरू की. एक लंबी कवायद के बाद रहमतुल्‍लाह अंसारी को उसके एक ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया. रहमतुल्‍लाह से पूछताछ के दौरान नूर आलम का नाम सामने आया. नूर आलम दिल्‍ली के न्‍यू फ्रेंड्स कालोनी में एक ट्रैवल एजेंसी चलता था. इस मामले में नूर आलम की सक्रिय भूमिका नजर आने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी गई. पुलिस जब तक नूर आलम तक पहुंचती, इससे पहले वह फरार हो गया.

विदेश भेजने के नाम पर लोगों को थमाते थे फर्जी वीजा
उन्‍होंने बताया कि नूर आलम की गिरफ्तारी के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के एसएचओ सुशील गोयल के नेतृत्‍व में एक स्‍पेशल टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई मुकेश और कॉन्‍स्‍टेबल हेमंत भी शामिल थे. नूर की गिरफ्तारी के लिए तमाम मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया और इलेक्‍ट्रोनिक सर्विलांस के जरिए उसकी तलाश शुरू की गई. इसी बीच, पुलिस को इंटेल मिला कि नूर आलम न्‍यू फ्रेंड्स कालोनी स्थिति एक घर में छिपा हुआ है. जिसके बाद, पुलिस ने छापेमारी कर नूर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान, नूर आलम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने बताया कि वह रहमत के साथ मिलकर विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करता था.