चुनाव

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण की वोटिंग आज, 10 वर्ष बाद जनता डालेगी विधानसभा के लिए वोट

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए बुधवार को पहले चरण की वोटिंग होगी. प्रदेश के सात जिलों की 24 सीटों पर आज मतदान होगा. इसके लिए सभी तैयारियों पूरी कर ली गई है. जम्मू क्षेत्र के तीन जिलों और कश्मीर घाटी के चार जिलों में वोट डाले जाएंगे. इन 24 सीटों पर 90 निर्दलीय सहित 219 उम्मीदवार मैदान में हैं. पहले चरण में 23 लाख से अधिक मतदाता वोट डालेंगे.

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किये जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. चुनाव आयोग के अनुसार प्रथम चरण में कुल 23,27,580 मतदाता हैं, जिनमें 11,76,462 पुरुष, 11,51,058 महिलाएं और 60 तृतीय लिंग के हैं. आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में 18 से 19 वर्ष की आयु के 1.23 लाख युवा, 28,309 दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के 15,774 बुजुर्ग मतदाता भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.

अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में 302 और ग्रामीण क्षेत्रों में 2,974 मतदान केंद्र हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित चार चुनाव कर्मी तैनात रहेंगे… कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिरदी ने बताया, ‘‘…जम्मू कश्मीर पुलिस ने विधानसभा चुनाव के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.’’

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बिरदी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (सीएपीएफ), जम्मू कश्मीर सशस्त्र पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के कई बलों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया है. कश्मीर में प्रमुख उम्मीदवारों में, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी कुलग्राम सीट से लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव गुलाम अहमद मीर डूरू से तीसरी बार, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की सकीना इटू दमहाल हाजीपोरा से चुनाव लड़ रहीं हैं.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सरताज मदनी (देवसर) तथा अब्दुल रहमान वीरी (शांगस-अनंतनाग) भी प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं. बिजबेहरा से चुनाव लड़ रही पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती का नेकां के बशीर अहमद वीरी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सोफी मोहम्मद यूसुफ से त्रिकोणीय मुकाबला है.

पुलवामा सीट पर पीडीपी के वहीद पारा चुनाव लड़ रहे हैं. वह आतंकवाद के एक मामले में आरोपी हैं. उन्हें पार्टी के पूर्व सहकर्मी एवं नेकां उम्मीदवार मोहम्मद खलील से कड़ी चुनौती मिल रही है. वहीं, प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य तलत मजीद अली के भी मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.