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बहुत कम लोग जानते हैं सेविंग्स अकाउंट के ये 2 बड़े नियम, बैठे-बैठे लग जाती है लाखों की चपत

अगर आपकी सैलरी एक तय सीमा से अधिक है तो आपको टैक्स भरना होता है. टैक्स नहीं देने पर आयकर विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. लेकिन आपकी कमाई ही केवल आयकर विभाग की निगरानी में नहीं बल्कि आपका लेनदेन भी उसकी नजर में है. आप अपने बचत खाते से हर दिन और हर साल में कितना पैसा डाल रहे हैं इस पर भी आयकर विभाग की निगाह होती है.

आरबीआई ने जमा राशि पर लिमिट लगाई हुई है. आप एक साल के अंदर अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये बिना किसी की निगरानी में आए जमा कर सकते हैं. लेकिन जैसे ही आप इस रकम के ऊपर जाते हैं तो बैंक इसकी सूचना तुरंत आयकर विभाग को दे देता है. आपको विभाग से नोटिस मिल सकता है. ऐसा जरूरी नहीं कि आपको इस पर टैक्स देना ही होगा लेकिन आपसे इस पैसे का सोर्स मांगा जाएगा.

नहीं बता पाए सोर्स तो क्या होगा?
अगर कोई खाताधारक यह नहीं बता पाता कि उसके पास पैसा कहां से आया है तो आयकर विभाग उतनी रकम पर 60 परसेंट टैक्स, 25 परसेंट सरचार्ज और 4 परसेंट सेस लगाकर खाताधारक से वसूली कर सकता है. आपको बता दें कि एक साल ही नहीं 1 दिन के ट्रांजेक्शन पर भी आयकर विभाग की लिमिट तय होती है. आप एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का कैश ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं. कैश ट्रांजेक्शन का मतलब केवल अकाउंट से पैसे निकालना नहीं है. इसमें कैश निकालने के साथ अकाउंट से अकाउंट में ट्रांसफर या फिर किसी को पेमेंट करना शामिल है. इसलिए किसी भी बैंक की एक दिन की कैश ट्रांजेक्शन लिमिट 2 लाख रुपये से कम ही रखी जाती है.

कैश डिपॉजिट से जुड़े नियम संक्षेप में

  • बैंक में 50,000 रुपये तक जमा करने पर पैन कार्ड की कोई जरूरत नहीं है.
  • 50,000 रुपये से ज्यादा जमा करने पर आपको पैन कार्ड देना ही होगा.
  • अगर आपके बचत खाते में 1 दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक जमा होते हैं तो आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत 100 फीसदी की पेनल्टी लगाई जा सकती है.
  • एक साल में अपने बचत खाते में अधिकतम आप 10 लाख रुपये ही जमा कर सकते हैं.