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घर बैठे बनेगा पासपोर्ट, डॉक्‍यूमेंट वेरिफिकेशन को आपके पास चलकर आएगा ‘पासपोर्ट कार्यालय’

पासपोर्ट बनवाने वालों के लिए एक खुशखबरी है. अगर आप गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, बागपत समेत आसपास के अन्य जिलों से आते हैं और पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं तो आपके इसके लिए पासपोर्ट कार्यालय आकर डॉक्‍यूमेंट और बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के लिए लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी. गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय आपको घर पर ही ये सेवाएं उपलब्‍ध कराएगा. दरअसल, पासपोर्ट आवेदकों के दस्तावेज़ सत्यापन को सरल बनाने के उद्देश्य से गाज़ियाबाद में बायोमेट्रिक मशीनों और तीन-सदस्यीय स्टाफ से लैस एक मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाई गई है. यह वैन गाज़ियाबाद पासपोर्ट सेवा केंद्र के तहत आने वाले 13 जिलों का दौरा करेगी और पासपोर्ट आवेदनकों के कागजों की जांच और अन्‍य जरूरी काम उनके घर जाकर ही करेगी.

गाज़ियाबाद के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनुज स्वरूप ने बताया कि पासपोर्ट सेवा केंद्र में प्रतिदिन 1,400 से अधिक आवेदक आते हैं, जबकि 13 जिलों में प्रतिदिन 50 से 100 आवेदन प्राप्त होते हैं. उन्होंने कहा, “लंबित मामलों को देखते हुए, हमने पासपोर्ट मोबाइल वैन सेवा शुरू की है, जो इन जिलों में जाकर आवेदकों के दस्तावेज़ सत्यापन को स्थानीय स्तर पर पूरा करेगी.” यह वैन एक मोबाइल पासपोर्ट सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगी, जिसमें प्रिंटर, कंप्यूटर, स्कैनर और लाउडस्पीकर जैसी सुविधाएं होंगी. इसका उद्देश्य मुख्य पासपोर्ट सेवा केंद्र और पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) पर भीड़ को कम करना है.

जरूरी होता है दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक्स सत्यापन
पासपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया में दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक्स का सत्यापन आवश्यक होता है, जिसमें पुलिस सत्यापन भी शामिल है. आमतौर पर पासपोर्ट प्राप्त करने में 10 से 25 दिन का समय लगता है, लेकिन लंबित मामलों के कारण इसमें देरी हो सकती है. गाज़ियाबाद के तहत आने वाले 13 जिलों में मेरठ, आगरा, अलीगढ़, नोएडा और हाथरस में प्रतिदिन 80 से 100 आवेदक आते हैं, जबकि बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, मथुरा, शामली, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और गाज़ियाबाद में यह संख्या लगभग 50 है.
साहिबाबाद में पहले से ही पासपोर्ट सेवा केंद्र मौजूद हैं, जबकि 13 जिलों में POPSK केंद्र स्थापित किए गए हैं. मेरठ में प्रतिदिन औसतन 80 आवेदक आते हैं, जो कभी-कभी 100 से अधिक हो जाते हैं, जिससे लंबित मामलों में वृद्धि होती है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ‘घर पर सेवा’ देने के उद्देश्य से पासपोर्ट मोबाइल वैन की शुरुआत की गई है.