व्यापार

मार्केट हाई पर और छोटे निवेशक कर रहे बड़ी गलती! माल बटोरने में जुटे मार्केट के घाघ, बेच रहे हम-आप

खुदरा निवेशकों (Retail Investors) ने सितंबर में भारतीय शेयर बाजार में 7,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर छह महीनों में पहली बार शुद्ध विक्रेता (Net Seller) बन गए हैं. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और विदेशी तथा घरेलू संस्थागत निवेशक बड़े पैमाने पर शेयर खरीद रहे हैं. सितंबर में अब तक खुदरा निवेशकों ने 7,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जो मार्च 2024 के बाद सबसे बड़ी बिकवाली है. वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 17,421 करोड़ रुपये और विदेशी निवेशकों ने 55,855 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.

विश्लेषकों का मानना है कि खुदरा निवेशकों की यह बिकवाली मुनाफावसूली और आईपीओ (प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव) के प्रति आकर्षण का नतीजा है. कई छोटे निवेशक आईपीओ में निवेश के लिए अपने लाभ बुक कर रहे हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, “खुदरा निवेशक वर्तमान बाजार स्थितियों को लेकर चिंतित हैं. कई लोग शेयर बाजार से पैसा निकालकर आईपीओ में निवेश कर रहे हैं ताकि उन्हें आवंटन का बेहतर मौका मिल सके.”

करेक्‍शन के इंतजार में रिटेल इनवेस्‍टर
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि बाजार के ऊंचे स्तरों के कारण खुदरा निवेशक करेक्शन का इंतजार कर रहे हैं और कुछ लोग अपने पोर्टफोलियो को अन्य परिसंपत्तियों जैसे रियल एस्टेट और सोने में स्थानांतरित कर रहे हैं सितंबर में 13 कंपनियों ने अपने आईपीओ लॉन्च किए, जिनका कुल आकार 11,890 करोड़ रुपये था. इनमें से 9 आईपीओ ने 18% से 135% तक का लिस्टिंग गेन दिया है. वर्ष की शुरुआत से अब तक 63 कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 65,345 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

तेजी जारी रहने का अनुमान
बाजार विश्लेषक का मानना है कि बाजार में तेजी जारी रहेगी और अभी कोई बड़ा करेक्‍शन आने के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने निवेशकों को आगाह किया है कि मौजूदा समय में जोखिम-इनाम अनुपात (Risk-Reward Ratio) अनुकूल नहीं है. सितंबर में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमशः 3.9% और 3.7% की बढ़त हुई है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.9% और 1.91% की वृद्धि दर्ज की गई है.