ईरान के लिए सबसे मुश्किल भरा वक्त आने वाला है. इजरायल ने उस पर अटैक की पूरी तैयारी कर ली है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को ऐलान कर दिया कि वे दुश्मन को छोड़ने वाले हैं. 7 अक्तूबर वो दिन है, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था. माना जा रहा कि इजरायल इसी दिन ईरान पर अटैक कर सकता है. इस बीच खबर आ रही है कि ईरान का टॉप मिलिट्री कमांडर इस्माइल कानी लापता हो गया है. उसका कहीं पता नहीं चल रहा है. ईरान की मीडिया का दावा है कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कुद्स फोर्स के प्रमुख से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इस्माइल कानी को ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामनेई का राइट हैंड माना जाता है. अगर वो मारा गया तो ईरान के लिए जवाब देना भारी पड़ जाएगा.
न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में अधिकारियों को भी नहीं पता कि इस्माइल कानी कहां है और कुद्स फोर्स के चीफ के साथ क्या हुआ. कहा जा रहा है कि ब्रिगेडियर-जनरल इस्माइल कानी साउथ बेरूत में हिजबुल्लहाह चीफ हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन के साथ एक बंकर में छिपा हुआ था. तभी इजरायली सेना ने उस पर हमला किया किया, जिसमें इस्माइल कानी गंभीर रूप से घायल हो गया. कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इजरायल के इस हमले में इस्माइल कानी मारा गया.
गुरुवार से किसी तरह कोई संपर्क नहीं
यह हमला गुरुवार की रात हुआ था. तब इजरायली सेना ने बेरूत में भारी तबाही मचाई थी. उस वक्त सफीउद्दीन बंकर में बने सीक्रेट हेडक्वार्टर में अन्य कमांडरों के साथ बैठक कर रहा था. लेबनान के सूत्रों ने स्काई न्यूज अरेबिया को बताया कि इस्माइल कानी के साथ किसी तरह का संपर्क नहीं हो पा रहा है. इजरायली सेना ने आधिकारिक तौर पर उसकी मौत की पुष्टि नहीं है. लेकिन ये जरूर कहा जा रहा है कि इस्माइल कानी उस बैठक में मौजूद था. लेबनानी सूत्रों के मुताबिक यह पता लगाना काफी मुश्किल है कि इस्माइल कानी या सफीउद्दीन जिंदा हैं या मारे गए. क्योंकि ड्रोन हमलों के कारण बंकर पूरी तरह तबाह हो गए हैं. उनके पास जाना असंभव है. ऊपर से इजरायली सेना लगातार अटैक कर रही है.
अटैक का मास्टरमाइंड
अगर इस्माइल कानी मारा गया है, तो ईरान के लिए यह सबसे बड़ा झटका होगा. क्योंकि इस्माइल कानी ही लेबनान में हिजबुल्लाह को हर तरह से सपोर्ट कर रहा था. उसी के इशारे पर हिजबुल्लाह अटैक कर रहा था. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर इस्माइल कानी की मौत हो गई तो ईरान की ताकत काफी कमजोर हो जाएगी. इससे मिडिल ईस्ट में और तनाव बढ़ने की संभावना है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कानी के मौत पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि इजरायल 7 मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है.
कानी का मारा जाना ईरान के लिए झटका क्यों?
–जनवरी 2020 में बगदाद हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान का चीफ कमांडर कासिम सुलेमानी मारा गया था. उसके बाद 67 साल के इस्माइल कानी को कुद्स फोर्स का चीफ बनाया गया था.
–इस्माइल कासिम को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई के राइट हैंड के रूप में जाना जाता है. इजरायल पर अटैक से लेकर हिजबुल्लाह और हमास को सपोर्ट करने और उन्हें हथियार मुहैया कराने तक में इस्माइल कासिम का हाथ रहा है.
–यमन में हूती और इराकी मिलिशिया के अलावा मिडिल ईस्ट में जितने आतंकी समूह हैं, सबके साथ इस्माइल कासिम ही बात करता था. अयातुल्लाह खामनेई को जो भी निर्देश देना होता था, वह इस्माइल कासिम के हवाले से जाता था.
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