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कौन सी है वो टनल, नई सरकार और TRF… कश्मीर के आतंकी हमले में पहली बार क्या अलग हुआ?

जम्‍मू-कश्‍मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले का सच बेहद खौफनाक है. घाटी के विकास को परवान चढ़ा रहे मजदूरों को निशाना बनाकर आतंकियों ने बड़ी कायरता का परिचय दिया है. कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश में उमर अब्‍दुल्‍ला की नई सरकार बनी है. जिसके बाद यह पहला मौका है जब विकास की परियोजना को आतंकियों ने निशाना बनाया है. जिस टनल के लिए यह मजदूर काम कर रहे थे वो भारत सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है. खुफिया और सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद इस सबसे बड़े आतंकी हमले में प्राथमिक तौर पर द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ का नाम सामने आ रहा है.

इस साल कश्मीर में टीआरएफ का ये पहला बड़ा हमला है. इससे पहले इस साल जम्मू में इस संगठन ने आतंकी हमले को अंजाम दिया. केंद्रीय गृह सचिव ने इस आतंकी हमले की जानकारी जम्मू कश्मीर डीजीपी से ली. साथ ही आतंकियों के खिलाफ चल रहे काउंटर ऑपरेशन का भी ब्योरा लिया. जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद टीआरएफ यानी द रजिस्‍टेंस फ्रंट के आतंकियों का यह बड़ा आतंकी हमला है. खासबात यह है कि पिछले 10 सालों में इस इलाके में आतंकियों ने ना के बराबर कोई वारदात को अंजाम दिया है.

पहली बार आतंकी हमले में हुआ ऐसा?
इस साल जितने भी बड़े आतंकी हमले हुए हैं वह जम्मू में हुए हैं. यह पहली बार है जब कश्मीर में इस साल इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है. पहली बार ऐसा है जब विकास की परियोजनाओं को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की है. पहली बार ऐसा है कि लोकल और नॉन लोकल दोनों को टारगेट किया गया है. विकास परियोजनाओं में शामिल लोगों के हौसले को पस्त करने की खौफनाक रणनीति अब आतंकी संगठन अपना रहे हैं. गांदरबल में जिस टनल के पास यह आतंकी हमला हुआ है, वह आल वेदर रोड है. इस ऑल वेदर रोड का निर्माण पिछले कुछ सालों से चल रहा है. यह रोड़ सीधे गांदेरबल से सोनमर्ग और वहां से लेह को कनेक्ट करता है.

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