छत्तीसगढ़

स्तर की ‘टॉयलेट कथा’, इस बात को लेकर 10 साल से भटक रहीं महिलाएं, धूप में चलीं 25KM, उतर सकती हैं सड़क पर

छत्तीसगढ़ के बस्तर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक ऐसी जगह भी है जहां टॉयलेट ही नहीं है. इस वजह से लोगों को, खासकर महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. लेकिन, अब महिलाएं इसके लिए लामबंद हो गई हैं. वे यहां टॉयलेट की मांग पर अड़ गई हैं. इसके लिए वे अब आंदोलन करने को भी तैयार हैं. महिलाओं ने बताया कि वे दस साल से टॉयलेट की मांग कर रही हैं. उनके इलाके में न टॉयलेट, न आंगनबाड़ी, न पानी, कुछ भी नहीं है. उन्होंने इस मामले को लेकर नेताओं से लेकर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. अब महिलाओं ने अपने इलाके से 25 किमी दूर आकर कलेक्टर से मुलाकात की.

गौरतलब है कि, यह मामला दरभा ब्लॉक की लेंद्रा पंचायत का है. यहां महिलाएं टॉयलेट एक प्रेम कथा फिल्म की तरह मांग पर अड़ी हैं. ये महिलाएं 22 अक्टूबर को तपती धूप में 25 किमी चलकर कलेक्टर से मिलने आईं. उन्होंने बताया कि उनके इलाके में दस सालों में कोई टॉयलेट नहीं बना. इसके अलावा पंचायत में न पानी है, न आंगनबाड़ी है. महिलाओं ने कहा कि हम पिछले दस सालों से टॉयलेट बनाने की मांग कर रहे हैं. ये मांग करते-करते हम थक चुके हैं. न नेता सुन रहे, न अधिकारी. इसलिए अब हम कलेक्टर से इसकी गुहार लगाने आए हैं.

महिलाओं ने कही अपनी बात
दरभा ब्लॉक की दयमंती बघेल और मोती बघेल ने कहा कि अब हम इस मामले पर चुप नहीं बैठने वाली. हमें अपने इलाके में टॉयलेट चाहिए ही चाहिए. जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन भी करेंगी. हम तपती धूप में अपने मासूम बच्चों को लेकर खड़े हैं. हम अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं. हम वोट देते हैं तो हमें सुविधाएं भी मिलनी चाहिए. अब हमें ये देखना है कि हमारी समस्या कब तक और कौन दूर करता है. ये मामला हमारे लिए छोटा नहीं, बल्कि बहुत बड़ा है.